महिला आरक्षण को दस साल बाद नहीं, अभी से लागू करे मोदी सरकार- राहुल गांधी
दिल्ली आजकल ब्यूरो, दिल्ली
22 सितंबर 2023
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार महिला आरक्षण को तुरंत लागू करे और जनगणना व परिसीमन की शर्त हटाई जाए. यूपीए सरकार ने जो जातिगत जनगणना की थी. उसके आंकड़े अभी जारी किए जाएं. नई जनगणना जाति के आधार पर की जाए. आबादी के हिसाब से ओबीसी को हिस्सेदारी मिलनी चाहिए. यह हमारे ओबीसी भाई-बहनों का हक है. हमारी सरकार बनने पर जातिगत जनगणना करवाई जाएगी. इससे देश को पता चलेगा कि ओबीसी, दलित, आदिवासी कितने हैं और उन्हें देश चलाने में भागीदारी मिलेगी.
राहुल गांधी शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और संचार विभाग के महासचिव जयराम रमेश भी मौजूद थे.
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार द्वारा ओबीसी जनगणना से ध्यान भटकाने के लिए महिला आरक्षण विधेयक को वर्तमान स्वरूप में लाया गया है. जो तत्काल लागू नहीं हो सकता है.
राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण लागू करने से पहले जनगणना और परिसीमन की शर्तों से महिला आरक्षण लागू होने में कई साल लगेंगे. जिसे आज से ही लागू किया जा सकता है. लोकसभा और विधानसभा में 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं को तुरंत दी जा सकती हैं. ये कोई जटिल मामला नहीं है. लेकिन मोदी सरकार यह नहीं करना चाहती. सच्चाई ये है कि यह आज से दस साल बाद लागू होगा. यह भी नहीं मालूम कि लागू होगा या नहीं होगा. इसके जरिए सरकार ओबीसी जनगणना से ध्यान भटकाना चाहती है.
राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि वो ओबीसी के लिए बहुत काम करते हैं. अगर वे ओबीसी के लिए काम करते हैं तो केंद्र सरकार के 90 सचिवों में से सिर्फ तीन सचिव ओबीसी से क्यों हैं? ओबीसी-दलित और जनजाति के ये सचिव देश के सिर्फ छः प्रतिशत बजट को कंट्रोल करते हैं. पीएम मोदी हर दिन ओबीसी की बात करते हैं. लेकिन उन्होंने ओबीसी वर्ग के लिए क्या किया है?
राहुल गांधी ने एक भाजपा सांसद का हवाला दिया और कहा कि उन्हें एक भाजपा सांसद ने बताया था कि मोदी सरकार ने सभी ओबीसी सांसदों को केवल मूर्ति बनाकर रखा हुआ है और देश के लिए किसी भी फैसले में इन सांसदों को शामिल नहीं किया जाता है. ओबीसी सांसदों के पास पावर नहीं है. ओबीसी को मोदी सरकार कोई प्राथमिकता नहीं देती है.
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संसद में महिला आरक्षण बिल 454 वोट से पारित, विरोध में पड़े 2 मत
दिल्ली आजकल ब्यूरो, दिल्ली
20 सितंबर 2023
लोकसभा और देश की सभी विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी महिला आरक्षण बिल ‘महिला शक्ति वंदन अधिनियम-2023’ बुधवार को 7 घंटे की बहस के बाद लोकसभा से पारित हो गया. इसके पक्ष में 454 मत पड़े. जबकि इसके विरोध में केवल 2 मत पड़े. यह माना जा रहा है कि सभी राजनीतिक दलों ने आगामी आम चुनाव को ध्यान में रखते हुए इसके पक्ष में मतदान किया है. यह बिल गुरूवार को राज्यसभा में पेश किये जाने और वहां से पारित कराये जाने की उम्मीद है.
विधि एवं न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुनराम मेघवाल ने लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक कदम है. महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह महत्वपूर्ण पहल है. इससे पहले चर्चा में हिस्सा लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महिला आरक्षण विधेयक संसद से पारित होते ही महिलाओं के अधिकारों के लिए एक लंबी लड़ाई का अंत हो जाएगा. उन्होंने कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण राजनीतिक मुद्दा हो सकता है. लेकिन भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए महिला सशक्तिकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं है. मान्यता का सवाल है. प्रधानमंत्री का महिला नीत विकास का सपना साकार हो रहा है. जिस दिन नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और सरकार बनी, तभी से महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सहभागिता सरकार का श्वास और प्राण दोनों बने हुए हैं.
अमित शाह ने कहा कि कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर भूमिका बनाना शुरू किया कि इस विधेयक को इसलिए समर्थन न करो क्योंकि ये परिसीमन की वजह से अभी लागू नहीं होगा. कुछ दल और उनके सदस्य ओबीसी और मुस्लिम आरक्षण की बात कर रहे हैं. उन्होंने ऐसे दलों से विधेयक का समर्थन करने की अपील करते हुए कहा कि अगर वह साथ नहीं देंगे तो महिलाओं को आरक्षण कैसे मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह विधेयक लागू होने में समय भले लगे. लेकिन सभी दलों को इसका समर्थन कर शुरुआत करनी चाहिए.
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