reservation bill – Delhi Aaj Kal https://www.delhiaajkal.com Delhi Ki Awaaz Wed, 20 Sep 2023 07:17:33 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://i0.wp.com/www.delhiaajkal.com/wp-content/uploads/2022/11/Black-minimalist-michael-vescera-logo.png?fit=32%2C32&ssl=1 reservation bill – Delhi Aaj Kal https://www.delhiaajkal.com 32 32 212602069 TMC & BJD tops the list in giving ticket to women https://www.delhiaajkal.com/tmc-bjd-tops-the-list-in-giving-ticket-to-women/ https://www.delhiaajkal.com/tmc-bjd-tops-the-list-in-giving-ticket-to-women/#respond Wed, 20 Sep 2023 07:10:58 +0000 https://www.delhiaajkal.com/?p=2564 तृणमूल कांग्रेस महिलाओं को टिकट देने में आगे 

दिल्ली आजकल ब्यूरो , दिल्ली

19 सितंबर 2023

संसद में सरकार की ओर से महिला आरक्षण बिल पेश किये जाने के बाद सभी राजनीतिक दलों ने यह दावा किया है कि उनके दल में महिलाओं को सबसे बेहतर प्रतिनिधित्व मिलता है. लेकिन अगर चुनाव में महिलाओं को हिस्सेदारी देने की बात करें तो इस मामले में देश के सभी राजनीतिक दलों में तृणमूल कांग्रेस सबसे आगे है. जबकि उसके उपरांत बीजू जनता दल ने यह कीर्तिमान हासिल किया है. उसने तो अधिकारिक रूप् से कहा है कि वह महिलाओं को न्यूनतम 33 प्रतिशत टिकट देगा. वहीं, महिलाओं को टिकट देने के मामले में कांग्रेस और भाजपा लगभग एक समान स्थिति में है. हालांकि एकदम न्यूनतम संख्या के आधार पर इस मामले में सत्तारूढ़ भाजपा से कांग्रेस कुछ आगे है. वहीं, पिछले दो आम चुनाव को देखें तो भाजपा को महिलाओं का समर्थन बढ़ा है. वर्ष 2014 में भाजपा को देश की 26 करोड़ महिला मतदाताओं का समर्थन् मिला. यह करीब 29 प्रतिशत मत था. जबकि 2019 में करीब 29 करोड़ महिलाओं ने वोट दिया. यह 36 प्रतिशत वोट था.

वर्ष 2019 के आम चुनाव के दौरान टीएमसी ने 37.1 प्रतिशत महिलाओं को टिकट दिया था. जबकि सीपीएम ने 14.5 प्रतिशत महिलाओं को टिकट दिया था. कांग्रेस और भाजपा के बीच महिला उम्मीदवारों को टिकट देने में मामूली अंतर था. कांग्रेस ने जहां 12.9 प्रतिशत महिला उम्मीदवारों को अपना टिक्ट दिया तो वहीं भाजपा ने 12.6 प्रतिशत महिला प्रत्याशियों पर अपना विश्वास जाहिर किया था. शिवसेना ने वर्ष 2019 के चुनाव में 12.4 प्रतिशत  महिलाओं को अपना प्रत्याशी बनाया था. संसद में महिला आरक्षण बिल पेश किये जाने के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सरकार को महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देना चाहिए था. लेकिन वर्ष 2019 का चुनाव बताता है कि बसपा ने केवल 6.3 प्रतिशत महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था.

हालांकि दूसरी ओर, यह एक राहत देने वाली सूचना हो सकती है कि वर्ष 1996 से लेकर 2019 के बीच संसद में महिला सांसदों की उपस्थिति में इजाफा हुआ है. वर्ष 2019 में कुल 78 महिला चुनाव जीतकर संसद पहुंचीं.  यह कुल सांसदों का 14.36 प्रतिशत है. जबकि इससे पहले वर्ष 2014 में महिला सांसदों की संख्या 62 थी. जो कुल सांसदों का 11.41 प्रतिशत संख्या थी. वहीं, वर्ष 2014 की बात करें तो महिला सांसदों की संख्या 40 थी. यह 7.33 प्रतिशत था. जबकि 1998 में महिला सांसदों की संख्या 43 और प्रतिशत 7.88 था. इसी तरह से 1999 में महिला सांसदों ने 8.99 प्रतिशत का आंकड़ा दर्ज करते हुए 49 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वर्ष 2004 में हालांकि महिला सांसदों की संख्या में कुछ गिरावट दर्ज की गई. इस बार 45 महिलाएं चुनाव जीतकर संसद  पहुंची. यह कुल सांसदों का 8.25 प्रतिशत था. लेकिन इसके उपरांत अगले आम चुनाव 2009 में महिला सांसदों की संख्या बढ़कर 59 हो गई. यह कुल सांसदों का 10.82 प्रतिशत था.

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