मध्य प्रदेश चुनाव की दूसरी सूची में भाजपा ने मंत्री – सांसदों को भी मैदान में उतारा , कांग्रेस ने कहा- हार मान चुकी है भाजपा
दिल्ली आजकल ब्यूरो, दिल्ली
26 सितंबर 2023
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा दबाव में आती दिख रही है. उसने सोमवार को अपनी दूसरी सूची जारी की. जिसमें इसका संकेत मिलता है. भाजपा ने दूसरी सूची में 39 उम्मीदवारों के नाम घोषित किये. इसमें तीन मंत्री और पांच सांसद शामिल हैं. इसके अलावा भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को भी इंदौर की सीट नंबर एक से प्रत्याशी घोषित किया गया है. खास बात यह है कि भाजपा की दूसरी सूची में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम नहीं है. जबकि राज्य में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे तीन लोगों के नाम इस सूची में शामिल हैं. इनमें कैलाश विजयवर्गीय, नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद सिंह पटेल शामिल हैं. इस सूची में भाजपा ने कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा के लिए भी अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. यहां से विवेक बंटी साहू को मैदान में उतारा गया है. भाजपा ने इससे पहले मध्य प्रदेश की पहली सूची में भी 39 नाम पर अपनी मोहर लगाई थी.
सोमवार को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा चुनाव समिति के अन्य सदस्यों ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान मध्य प्रदेश के लिए दूसरी सूची जारी की गई. जिसमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को दिमनी , केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को नरसिंहपुर और केंद्रीय मंत्री फगन सिंह कुलस्ते को निवास से भाजपा उम्मीदवार बनाया गया है. इसके अलावा सांसद गणेश सिंह को सतना, रीति पाठक को सीधी, राकेश सिंह को जबलपुर पश्चिम, उदय प्रताप सिंह को गाडरवारा से उम्मीदवार बनाया गया है.
इस सूची में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह की परंपरागत सीट राघोगढ़ से हीरेंद्र सिंह बंटी बना को उम्मीदवार बनाया गया है. यहां से दिग्विजय सिंह के बेटे चुनाव लड़ते रहे हैं. इस सूची में इमरती देवी को भी डबरा से उम्मीदवार बनाया गया है. उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे का माना जाता है. इस सूची से भाजपा ने यह साफ कर दिया है कि वह मध्य प्रदेश में किसी भी हालत में चुनाव जीतना चाहती है. जिस तरह से मध्य प्रदेश में भाजपा की स्थिति को कमजोर माना जा रहा है. यह कहा जा रहा है कि उसे ध्यान में रखते हुए ही केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को चुनाव मैदान में उतारा गया है. इतना ही नहीं, बीजेपी की इस दूसरी सूची आने के बाद यह चर्चा भी है कि अगर भाजपा फिर से सत्ता में आती है. उस स्थिति में भाजपा अपना मुख्यमंत्री बदल सकती है. इसकी वजह यह है कि राज्य में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार बताए जा रहे नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय और प्रहलाद सिंह पटेल को भी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया गया है.