दिल्ली में आयोजित हुआ “कल्याण बरूआ पुरस्कार 2024”
दिल्ली आजकल ब्यूरो, दिल्ली
11 दिसंबर 2024
दूसरे कल्याण बरूआ पुरस्कारों से पूर्वोत्तर राज्यों के छह पत्रकारों को बुधवार को एक रंगारंग कार्यक्रम में सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम में उपस्थिति केंद्रीय विदेश मंत्रालय और वस्त्र मंत्रालय के राज्य मंत्री पबित्रा मार्गरेटा ने कहा, “स्व. कल्याण बरूआ ने असम और पूर्वोत्तर की आवाज को राष्ट्रीय स्तर पर ईमानदारी, समर्पण और अडिग प्रतिबद्धता के साथ प्रस्तुत किया. मैं सभी पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को विभिन्न श्रेणियों में शुभकामनाएं देता हूं. ”
कुल छह पत्रकारों को दूसरे कल्याण बरूआ पुरस्कार से सम्मानित किया गया. मुदीना अख्तर (फ्रीलांस पत्रकार) को प्रिंट मीडिया श्रेणी में पुरस्कार मिला. वहीं , मृदुस्मंता बोरूआ (प्रतिदिन टाइम्स) को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया श्रेणी में पुरस्कार प्राप्त हुआ. डॉ. क्षेत्रिमायुम चित्रभानु देवी (इंफाल रिव्यू ऑफ आर्ट्स एंड पॉलिटिक्स) को डिजिटल मीडिया श्रेणी में पुरस्कार मिला. वरिष्ठ पत्रकार किशोर सेराम को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया. फरहाना अहमद (द असम ट्रिब्यून) को मानव तस्करी और मजबूरी में पलायन पर उनके लेखों के लिए प्रिंट मीडिया श्रेणी में विशेष उल्लेख प्राप्त हुआ. जबकि अपारमिता दास को स्टिल फोटोग्राफी श्रेणी में उनके फोटो निबंध के लिए विशेष उल्लेख प्राप्त हुआ.
पूर्व राष्ट्रीय सचिव भाजपा और ‘माई होम इंडिया’ के संस्थापक सुनील देवधर ने कहा, “ऐसे पुरस्कार, जैसे कि कल्याण बरूआ पुरस्कार, निश्चित रूप से नवोदित पत्रकारों को समर्पण के साथ काम करने और पूर्वोत्तर के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित करेंगे.”
यह पुरस्कार समारोह उत्तर-पूर्व मीडिया फोरम (NEMF) और माई होम इंडिया द्वारा सह-आयोजित किया गया था.
सुनील देवधर ने कहा, “कल्याण बरूआ एक सच्चे पत्रकार थे. जिन्होंने हमेशा पूर्वोत्तर के बारे में सोचा और अपनी लेखनी के माध्यम से क्षेत्र को उजागर करने का काम किया. ”
कल्याण बरूआ पुरस्कार उन पत्रकारों और मीडिया कर्मियों को दिए जाते हैं. जो पूर्वोत्तर क्षेत्र को रिपोर्टिंग और कहानी सुनाने के जरिए प्रमोट करने के लिए भारत के विभिन्न हिस्सों में या पूर्वोत्तर में कार्यरत हैं.
यह पुरस्कार समारोह स्व. कल्याण बरूआ की जयंती पर आयोजित किया गया था. जो ‘द असम ट्रिब्यून’ से 27 वर्षों से अधिक समय तक जुड़े रहे थे. 2021 में कोविड-19 के कारण वे और उनकी पत्नी निलाक्षी भट्टाचार्य का निधन हो गया था. कल्याण बरूआ पुरस्कार की घोषणा 2022 में की गई थी.
दूसरे कल्याण बरूआ पुरस्कारों के लिए पूरे देश से कई नामांकनों की प्राप्ति हुई. जिसके बाद पुरस्कारों के निर्णायक मंडल ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया सहित तीन श्रेणियों में पुरस्कार तय किए.
निर्णायक मंडल में वरिष्ठ पत्रकार और प्रमुख व्यक्तित्व शामिल थे: उत्तपाल बोरपुजारी, मौशुमी चक्रवर्ती, संदीप फुकन, प्रो. शश्वती गोस्वामी और संगीता बरूआ पीशारोती. इन सभी ने मार्किंग प्रणाली का पालन करते हुए नामांकनों का मूल्यांकन किया. प्रत्येक निर्णायक को हर प्रविष्टि को 20 अंक देने का अवसर था और प्रत्येक प्रविष्टि को कुल 120 अंकों के आधार पर आंका गया.