विदेश मंत्रालय की पहल, विदेशी इनफ्लुएंसर्स दिखाएंगे अतुल्नीय भारत की असली तस्वीर दुनिया को
दिल्ली आजकल ब्यूरो , दिल्ली
विदेश मंत्रालय के एक्सटर्नल पब्लिसिटी डिवीजन ने अपनी पब्लिक डिप्लोमेसी के तहत एक अनूठा प्रयोग शुरू किया है. इसके तहत भारत की soft power को अब दुनिया के सामने कोई भारतीय एंबेसडर नहीं बल्कि दुनिया के उन देशों के सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर दिखाएंगे. जिनको देखने सुनने के लिए उनके देश के लोग प्रतीक्षा करते हैं. अपनी इस रणनीति के तहत विदेश मंत्रालय के एक्सपी डिवीजन ने पहले नेपाल, श्रीलंका और यूएई से सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स को भारत में आमंत्रित करते हुए कई शहरों में ले जाकर वहां के रहन—सहन, खानपान, परंपरा और इतिहास से परिचित कराने का कार्य किया था. इसके दूसरे चरण में एक्सपी डिवीजन ने अमेरिका और यूरोप के सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स को भारत में आमंत्रित करते हुए कई राज्यों का दौरा कराया है. इन इनफ्लुएंसर्स का कहना है कि उनको भारत का यह पक्ष पता ही नहीं था. उनका यह दौरा दुनिया के सामने भारत की संस्कृति, इतिहास, व्यवहार, पर्यटन स्थल की असली तस्वीर पेश करने में सहायक होगा. भारत अतुल्नीय है. उनको यहां आने के बाद पता चला. जिसे वे दुनिया के सामने पेश करेंगे.
विदेश मंत्रालय ने इनफ्लुएंसर्स के माध्यम से दुनिया के सामने भारत की अनकही और अनदेखी बात रखने के लिए दूसरे चरण में अमेरिका से 9 और यूरोप के देशों से 15 सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स को आमंत्रित किया है. अमेरिका और यूरोप से आए ये दल भारत में 26 सितंबर से है. अमेरिकी दल ने तेलंगाना, केरल और नई दिल्ली का दौरा किया है. जबकि यूरोप से आए दल ने कर्नाटक, दिल्ली और उप्र का दौरा किया है. इन दलों को कुतुब मीनार, ताजमहल और हुमांयु का मकबरा, गोलकुंडा किला, चारमीनार , ज्युस टाउन और कुडुनगगलोर चर्च भी दिखाया गया है. इस चर्च को देश में पहला चर्च बताया जाता है. जो कोचीन में बनाया गया था. इस दल ने रामोजी फिल्म सिटी के साथ ही वीएफएक्स स्टूडियो भी दिखाया गया. यह कहा जा रहा है कि जब विदेश मंत्रालय ने श्रीलंका, नेपाल और उसके बाद यूएई के इंफुलेंसर्स को भारत बुलाया था. उस समय यूएई के इंफुलेंसर्स लददाख भी गए थे. उन्होंने सउदी और अरबी भाषा में लददाख से लेकर दिल्ली तक की तस्वीर—वीडियो दिखाते हुए जिस तरह से वहां की संस्कृति, इतिहास और लोगों के आवाभगत को लेकर जानकारी दी. उसके बाद सोशल मीडिया पर वह ट्रेंड होता रहा. जिससे विदेश मंत्रालय का यह कदम सफल प्रयोग साबित हुआ.
यह बताया जा रहा है कि यह विचार मूल रूप से विदेश सचिव विक्रम मिश्री और उनके पूर्ववर्ती विनय क्वात्रा की पहल है. इसका लक्ष्य भारत के बारे में दुनिया के हर मुल्क तक उन बातों को पहुंचाया जाए. जिससे वे अनभिज्ञ हैं. इसके लिए उनके ही देश के उन लोगों को माध्यम बनाया जाए. जिनको उनके देश के लोग देखते—सुनते हैं और उनका विश्वास करते हैं. अमेरिका और यूरोप से आए दल के सदस्यों का दिल्ली में स्वागत करते हुए विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह एक नया माध्यम है. सोशल मीडिया और इंफुलेंसर्स को मौजूदा समय में अनदेखा नहीं किया जा सकता है. इससे प्रभावशाली लोगों से लेकर समाज के आम लोगों तक अपनी बात को पहुंचाने में मदद मिलती है. जिसे देखते हुए पब्लिक डिप्लोमेसी के तहत यह कदम उठाये जा रहे हैं. यह आगे भी जारी रहेगा. इस दौरान कई भारतीय इंफुलेंसर्स को प्रतीक चिन्ह देखकर सम्मानित भी किया गया.