नेता कमाल के : अजय माकन ने 60 साल की उम्र में एप्लाइड स्टैटिस्टिक्स में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा परीक्षा पास की

दिल्ली आजकल ब्यूरो , दिल्ली

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एवं सांसद अजय माकन ने 60 वर्ष की आयु में ऐसी उपलब्धि हासिल की है जिसको लेकर इस उम्र में कोई सोचता भी नहीं है उन्होंने कोलकाता स्थित प्रतिष्ठित इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टिट्यूट (ISI) से 60 वर्ष की उम्र में
एप्लाइड स्टैटिस्टिक्स में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा, डेटा एनालिटिक्स में स्पेशलाइजेशन के साथ, सफलतापूर्वक पूरा किया है.

अजय माकन ने यह उपलब्धि हासिल करने के बाद कहा कि
यह यात्रा आसान नहीं थी. लेकिन अंत में यह संतोषजनक पड़ाव रहा.

अजय माकन की राजनीतिक यात्रा 19 साल की उम्र में 1982 में हंस राज कॉलेज से बीएससी (केमिस्ट्री ऑनर्स) के छात्र के रूप में शुरू हुई. वर्ष 1983 में अजय माकन NSUI के कैंपस यूनिट के अध्यक्ष के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ गये. इसके दो वर्ष उपरांत 1985 में ललित माकन जी की दुखद हत्या के बाद उन्होंने पूर्णकालिक राजनीति को अपना लिया.

अजय माकन ने बताया कि 2020 में, जब COVID ने जीवन को प्रभावित किया, तब मुझे अपने शैक्षिक रुचियों को फिर से पूरा करने का समय मिला. मैंने खान अकादमी, 3Blue1Brown, Coursera, DeepLearning.AI, EdX, और DataCamp जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से पढ़ाई फिर से शुरू की. मैंने अलजेब्रा, प्रायिकता, कैलकुलस, और सांख्यिकी को दोबारा सीखा और Python और R जैसी भाषाओं में महारत हासिल की. इन विषयों में मैंने दर्जनों प्रमाण पत्र प्राप्त किए. जैसे कि सांख्यिकी, मशीन लर्निंग, और प्रोग्रामिंग.

अजय माकन ने कहा कि अब, इस प्रतिष्ठित संस्थान से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा प्राप्त करके, मेरी यात्रा आगे बढ़ रही है. सांख्यिकी, सैंपलिंग, डेटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग आधुनिक राजनीतिक उपकरण हैं, और मुझे उम्मीद है कि मैं राजनीति के क्षेत्र में और भी सार्थक योगदान दे पाऊँगा.

अजय माकन के नाम पहले से भी कई तरह के रिकॉर्ड दर्ज हैं. दिल्ली में डीजल बसों को सीएनजी बस में परिवर्तित करने का कार्य उनके ही नेतृत्व में किया गया था. उस समय वह दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री थे. जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उपरांत दिल्ली में अनधिकृत निर्माण को तोड़ने की कार्यवाही शुरू हुई थी. उस समय आधी दिल्ली पर एमसीडी का बुलडोजर और हथोड़ा चलने की तलवार लटकने लगी थी. उस दौरान बतौर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री उन्होंने मास्टर प्लान में संशोधन करते हुए दिल्ली के लोगों को बड़ी राहत दिलाने का कार्य किया था. इसके साथ ही उन्होंने देश में सर्वप्रथम ‘ जहां झुग्गी- वहीं मकान ‘ नामक योजना शुरू की थी. इसके तहत दिल्ली में बसी स्लम और झुग्गी झोपड़ी को उजाड़कर वहां रहने वालों को दूसरी जगह भेजने की जगह उनकी झुग्गी वाली जगह पर ही बहुमंजिला इमारत बनाकर मकान देने की शुरुआत की गई थी. इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की सौगात दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई थी. इसके उपरांत केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और भक्तों में बढ़ोतरी हुई थी. वह दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उन्होंने सरकारी कर्मचारियों के लिए दिल्ली में टाइप वन के मकान को अपर्याप्त बताते हुए चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को भी कम से कम टाइप 2 का मकान देने का कार्य शुरू किया था. इसके उपरांत सरकार ने नीति बनाकर टाइप वन के मकान आवंटित करने बंद कर दिए. उसकी जगह सबसे निचले क्रम के कर्मचारियों को भी टाइप टू का मकान देने की शुरुआत की गई थी. अजय माकन ने सांसद रहते हुए नई दिल्ली की सभी सरकारी कॉलोनी के कायाकल्प का भी कार्य किया था. केंद्रीय राजनीति में आने से पहले वह राजौरी गार्डन से लगातार विधायक बनते रहे हैं.

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