सौर ऊर्जा नीति को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल आमने—सामने

दिल्ली आजकल ब्यूरो, दिल्ली
1 मार्च 2024

दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल अब दिल्ली में सोलर पॉलिसी के मुददे पर आमने—सामने आते दिख रहे हैं. दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया है कि उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार की सोलर पॉलिसी को रोक दिया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कुछ समय पहले ही इस पॉलिसी का ऐलान करते हुए कहा था कि छत पर सोलर सिस्टम लगाने से लोगों का बिजली का बिल जीरो या शून्य आएगा. दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया है कि उपराज्यपाल जनता के हित के लिए लागू की जाने वाली इस योजना को मंजूरी नहीं दे रहे हैं. हालांकि उपराज्यपाल निवास ने इन सभी आरोप को बेबुनियाद करार दिया है.

दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने इस मुददे को पहले विधानसभा और उसके बाद बाहर उठाते हुए कहा कि उपराज्यपाल इस योजना की फाइल रोके रहे थे. जब सरकार ने इसको लेकर लगातार जानकारी हासिल करने का प्रयास किया. उसके बाद उपराज्यपाल निवास की ओर से उस पर कई तरह की आपत्ति जाहिर की गई. इस फाइल को आपत्तियों के साथ वापस किया गया. लेकिन इतना ही नहीं, इस मामले की फाइल को पहले अधिकारी से लेकर दूसरे के पास स्थानांतरित कर दिया गया. जिसका उददेश्य साफ था कि फाइल के आगे बढ़ने में और देरी हो.

आतिशी ने कहा कि उपराज्यपाल एक संवैधानिक पद पर बैठे हैं. लेकिन इसके बावजूद वह भाजपा की ओर से बैटिंग करते हुए दिख रहे हैं. आतिशी ने कहा कि वह उपराज्यपाल से अनुरोध करते हैं कि वह इस योजना के क्रियान्वयन में बाधा उत्पन्न न करें. इसे लागू करने में सहायता दें. आतिशी ने कहा कि यह एक बेहतरीन नीति है. जिसका लाभ जनता को होगा. इससे प्रदूषण में भी कमी आएगी. आतिशी के इन आरोपों पर उपराज्यपाल निवास ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आदतन झूठ बोल रहे हैं. वह लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं. उपराज्यपाल ने सोलर पॉलिसी नहीं रोकी है. इस पॉलिसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. जिससे लोगों का बिल जोरी आए. इसके विपरीत इसमें एक रेसको प्रावधान है. जिसका असली लाभ केवल निजी बिजली कंपनियों को होगा. उपराज्यपाल ने इसी प्रावधान को लेकर जानकारी मांगी है. इसके अलावा यह सवाल भी किया गया है कि क्या इस पॉलिसी में भारत सरकार की हज़ारों करोड़ की कैपिटल सब्सिडी से उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिये सामन्जस्य का प्रावधान है

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