सनातन मामले में राहुल गांधी को निशाना बनाकर इंडिया गठबंधन को कठघरे में खड़ा करना चाहती है भाजपा
विनय कुमार
दिल्ली आजकल ब्यूरो, दिल्ली
4 सितंबर 2023
तमिलनाडू के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य के खेल एवं युवा मामलों के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर दिये गए बयान को भाजपा पांच राज्यों के चुनाव से पहले अपने लिए एक वरदान की तरह मान रही है. उसे उम्मीद है कि इसके सहारे वह छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना में हिंदू वोटों के धुव्रीकरण में कामयाब होगी. यही वजह है कि उसने अपने सभी नेताओं को इस मामले में कांग्रेस पर हमला करने के लिए आगे कर दिया है. भाजपा इस मामले में खासकर राहुल गांधी को निशाना बनाकर समस्त इंडिया गठबंधन को कठघरे में खड़ा करना चाहती है. हालांकि उसकी समस्या यह है कि राहुल गांधी ने इस मामले में कोई भी बयान या प्रतिक्रिया नहीं दी है. संभवत: कांग्रेस को भाजपा की रणनीति का आभाष हो गया है. जिसकी वजह से राहुल गांधी की ओर से फिलहाल तक इस मामले पर कोई बयान सामने नहीं आया है.
भाजपा यह जानती है कि उत्तर भारत में सनातन मामले को लेकर वोटों का धु्व्रीकरण किया जा सकता है. वह यह भी जानती है कि उत्तर भारत में अगर वह इस मामले को लेकर स्टालिन जूनियर पर हमला करेगी तो उसे उसका बहुत अधिक राजनीतिक लाभ नहीं होगा. भाजपा को यह भी पता है कि तमिलनाडू में उसकी कोई उपस्थिति नहीं है. ऐसे में वहां पर उसके बयान का कोई औचित्य ही नहीं है. उत्तर भारत में उसे इस मामले को भुनाने के लिए किसी ऐसे चेहरे की जरूरत है. जिस पर दोष मढ़ने से उसका वोटर खुश हो और उसके पक्ष में मत करने के लिए प्रेरित हो. यही वजह है कि भाजपा ने राहुल गांधी को इस मामले में चुप्पी तोड़ने की सलाह देते हुए यह चुनौती भी दी है कि उनको इस मामले पर अपना पक्ष रखना चाहिए. यही नहीं, भाजपा ने उत्तर भारत की राजनीति को ध्यान में रखते हुए नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल को भी कठघरे में खड़ा करने का प्रयास किया है. उसका सबसे अधिक ध्यान लेकिन राहुल गांधी पर है. इसकी वजह यह है कि कांग्रेस और राहुल गांधी इंडिया गठबंधन की धुरी है. भाजपा को उम्मीद है कि इस मामले में राहुल गांधी पर हमला कर वह समस्त इंडिया गठबंधन को कठघरे में खड़ा कर सकती है. जिसका लाभ उसे आने वाले समय में मिल सकता है.