राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश में भी टिकट बंटवारे को लेकर भाजपा में विद्रोह
दिल्ली आजकल ब्यूरो , दिल्ली
13 अक्टूबर 2023
मध्यप्रदेश मे भी चुनावी बेला आते ही इसके कार्यकर्ताओं ने बगावत का झंडा बुलंद करना शुरू कर दिया है. अनुशासित पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपा के एक पूर्व सांसद लक्ष्मी नारायण यादव ने पार्टी शीर्ष नेतृत्व को अंधा—बहरा और पूर्ण निरंकुश करार दिया है. जबकि उनके बेटे सुधीर यादव ने बांडा सीट से टिकट नहीं मिलने पर इस्तीफा दे दिया है. यह माना जा रहा है कि सुधीर यादव यहां से कांग्रेस या आम आदमी पार्टी के टिकट पर अपनी किस्मत आजमा सकते हैं. यह भी कहा जा रहा है कि एक बार जब राज्य की सभी 230 सीटों पर भाजपा अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर देगी. उस समय कई अन्य नेता भी बगावती तेवर के साथ मैदान में दिख सकते हैं. राज्य में भाजपा को कांग्रेस के साथ ही अपने नेताओं से भी कड़ी चुनौती मिल रही है. इसकी वजह से भाजपा के सामने चुनाव में दोहरेे मोर्चे पर लड़ने की नौबत उत्पन्न होती दिख रही हे.
इससे पहले राजस्थान में भाजपा के सामने उसके नेताओं ने खुले विद्रोह का प्रदर्शन शुरू कर दिया है. जहां पर पार्टी की ओर से घोषित अधिकृत उम्मीदवारों को गो—बैक के नारों के साथ ही कार्यकर्ताओं की ओर से फेंके जा रहे पत्थरों का सामना करना पड़ रहा है. पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी में कुछ सीमित लोग एकतरफा निर्णय ले रहे हैं. जो पार्टी की पुरानी पंरपरा और संस्कृति से मेल नहीं खाती है.
मध्य प्रदेश की सागर स्थित बांडा सीट से टिकट मांग रहे सुधीर यादव भाजपा के पहले बागी नेता बन गए हैं. यह कहा जा रहा है कि सागर जिला में यादवों की आबादी करीब 2 लाख से अधिक है. लेकिन यहां की किसी भी विधानसभा सीट से भाजपा ने कोई भी यादव प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा है. जिसकी वजह से यहां के यादव मतदाताओं में गुस्सा है. सुधीर यादव के पिता और भाजपा के पूर्व सांसद लक्ष्मी नारायण यादव का यहां की यादव आबादी पर अच्छा प्रभाव माना जाता है. यह कहा जा रहा है कि सुधीर यादव कांग्रेस से इस सीट से उम्मीदवार बनने का प्रयास कर रहे हैं. यह माना जा रहा है कि अगर वह कांग्रेस के प्रत्याशी बनते हैं तो इससे सागर जिला के यादव एकमुश्त में कांग्रेस को वोट डाल सकते हैं. इसकी वजह यह है कि यादव आबादी का कहना है कि भाजपा ने उनकी राजनीतिक ताकत को कम आंका है. जिसकी वजह से किसी यादव को टिकट नहीं दिया है.
लक्ष्मीनारायण यादव ने कहा है कि अगर उनके बेटे को टिकट नहीं दिया गया तो वह भाजपा का प्रचार नहीं करेंगे. यही नहीं, उनका बेटा जिस किसी पार्टी से चुनाव लड़ेगा. वह उस पार्टी का भी प्रचार करेंगे. जब जमीन पर वर्षो से काम कर रहे उनके बेटे का नजरअंदाज किया जा रहा है तो वह ऐसी स्थिति में भाजपा का साथ क्यों दें.