2ajkspdo_modi-biden-delhi-bilateral-g20_625x300_08_September_23

G20 – अमेरिकी राष्ट्रपति सहित दुनिया के 40 वैश्विक नेताओं से मिलेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

दिल्ली आजकल ब्यूरो , दिल्ली 

8 सितंबर 2023

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को चालीस देशों—वैश्विक संगठनों के प्रमुखों के साथ जी—20 सम्मेलन के दौरान शिखर वार्ता करेंगे. शुक्रवार को जी—20 सम्मेलन की औपचारिक शुरूआत से पहले जी—20 शेरपा अमिताभ कांत ने जानकारी देते हुए कहा कि इस तीन दिवसीय वैश्विक सम्मेलन के दौरान एक पृथ्वी, एक परिवार और साझा भविष्य विषय पर तीन सत्र आयोजित किये जाएंगे. जिसमें दुनिया को एक परिवार मानते हुए सभी देशों को समान अवसर और आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराने पर चर्चा की जाएगी. उन्होंने इस दौरान जी—20 के दौरान संयुक्त घोषणा—पत्र जारी होने के मुददे पर कहा कि यह निश्चित तौर पर जारी होगा. लेकिन कोई भी घोषणा—पत्र सम्मेलन की समाप्ति पर ही जारी होता है. ऐसे में सम्मेलन खत्म होने का इंतजार करना चाहिए. हालांकि जिस तरह से चीन और रूस के राष्ट्रपति ने जी—20 में शिरकत से दूरी बनाई है. रूस ने यूक्रेन और चीन ने वसुधैव कुटम्बकम सहित कई मुददों पर जी—20 की राह में बाधा उत्पन्न करने का प्रयास किया है. उससे यह माना जा रहा है कि संयुक्त घोषणा—पत्र जारी करने में समस्या देखने को मिल सकती है.अगर ऐसा होता है तो यह पहली बार होगा. जब किसी जी—20 सम्मेलन में साझा घोषणा पत्र जारी नहीं किया जाएगा.

शुक्रवार को इस सम्मेलन की शुरूआत के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों से द्धिपक्षीय वार्ता भी शुरू हो गई. पहले दिन उन्होंने अमेरिका, मॉरीशस और बांग्लादेश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ वार्ता की. इस तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री की करीब 15 दिद्धपक्षीय वार्ता विभिन्न देशों के राष्ट्र प्रमुखों के साथ होगी. जिसमें आपसी सहयोग, कारोबार और सुरक्षा उपाय बढ़ाने पर चर्चा होगी. इस सम्मेलन के भारत में आयोजित होने से दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा और प्रभाव बढ़ना तय माना जा रहा है. हालांकि सम्मेलन के बाद जारी होने वाले घोषणा—पत्र को लेकर संशय के बादल भी मंडराने लगे हैं. जिससे यह आशंका उत्पन्न होती दिख रही है कि अंत समय में शायद साझा घोषणा—पत्र जारी न हो. इसकी वजह यह बताई जा रही है कि अमेरिका और पश्चिमी देश चाहते हैं कि यूक्रेन युद्ध को साझा घोषणा पत्र का हिस्सा बनाते हुए उसे रेखांकित किया जाए. जबकि रूस इसके खिलाफ है. इसमें चीन भी उसका साथ दे रहा है. भारत की मुश्किल यह है कि रूस भी उसका दोस्त देश है. ऐसे में वह उसे भी नाराज नहीं करना चाहता है. जबकि पिछले कुछ वर्षो में जिस तरह से अमेरिका के साथ उसकी रणनीतिक साझेदारी में इजाफा हुआ है. उसे देखते हुए वह अमेरिका से भी दूरी नहीं बनाना चाहता है. ऐसे में यह देखना होगा कि भारत साझा घोषणा—पत्र को लेकर किस तरह से दोनों को साथ रखते हुए इसे जारी करने में कामयाब होता है. जी—20 के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि सभी प्रमुख बिंदु तैयार है. हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि साझा घोषणा—पत्र जारी होगा. लेकिन केाई भी घोषणा—पत्र किसी सम्मेलन के खत्म होने के बाद ही जारी होता है. ऐसे में सम्मेलन समाप्ति का इंतजार करना चाहिए.

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *