मनजिंदर सिंह सिरसा भाजपा का नया सिख चेहरा
दिल्ली आजकल ब्यूरो, दिल्ली
31 अगस्त 2023
भाजपा ने अकाली दल से आए मनजिंदर सिंह सिरसा को पार्टी में राष्ट्रीय फलक पर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. भाजपा नेतृत्व नें सिरसा को राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया है. इसके पीछे पार्टी की मंशा पंजाब, दिल्ली समेत देश भर में फैले सिख मतदाताओं को अपने पाले में शामिल करने की है. भाजपा उनको अपने सिख चेहरे के तौर पर राष्ट्रीय राजनीति में पेश कर रही है.
सिरसा ने किसान आंदोलन के बाद भाजपा की सदस्यता ली. वह दिसंबर 2021 में भाजपा में शामिल हुए. इससे पहले उन्होंने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) के प्रधान पद से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद उन्होंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की. सिरसा ने जिस वक्त अकाली दल का दामन छोड़ा था. उस वक्त पंजाब में विधानसभा चुनाव की दस्तक तेज हो गई थी. अकाली दल ने सिरसा के भाजपा में शामिल होने पर तीखी टिप्पणी भी की थी. इससे समझा जा सकता है कि सिख राजनीति में सिरसा का क्या कद है. जबकि सिरसा के भाजपा में शामिल होने पर पंजाब के प्रभारी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उनको उत्तर भारत का प्रभावी चेहरा बताया था.
यही कारण है कि दो वर्ष से कम समय के भीतर ही भाजपा ने सिरसा को राष्ट्रीय राजनीति में तेजी से आगे बढ़ाया. हालांकि, इसके पीछे भाजपा की मंशा साफ झलक रही है. पंजाब में कट्टर सिख चेहरे के तौर पर भाजपा के पास कोई विकल्प नही है. कैप्टन अमरिंदर सिंह भले ही आज भाजपा में हैं. लेकिन उनका ढलती उम्र के कारण वह भाजपा के लिए उतने मुफीद नही साबित हो सकते हैं. दूसरी बात ये कि कैप्टन अमरिंदर का राजनीतिक कैरियर कांग्रेस से शुरू हुआ. अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने अकाली दल और भाजपा के खिलाफ ही अपनी लकीर खिंची.
ऐसे में पंजाब की राजनीति के मद्देनजर सिरसा भाजपा के लिए बेहतर और तेज तर्रार चेहरा हैं. दिल्ली में भी भाजपा के पास कोई बड़ा चेहरा नही है. सरदार आरपी सिंह को भाजपा ने कई मौके दिए. यह कहा जा रहा है कि सरदार आरपी सिंह ने विपक्षी दलों पर आक्रमक हमला किया. लेकिन पार्टी को यह लगा कि जिस बड़े उददेश्य से उनको आगे किया गया. वह उनको हासिल नहीं कर पाए.
मनजिंदर सिंह सिरसा खुद को सिख राजनीति में मजबूती से स्थापित किया. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष पद तक पहुंचना इस बात का प्रमाण है. अब भाजपा ने पंजाब से दिल्ली लगायत पूरे देश में छिटपुट फैले सिख मतों को साधने के लिए मनजिंदर सिंह सिरसा को आगे किया है.