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भारतीय चिप एवं इलेक्ट्रॉनिक उद्योग के लिए भी मील का पत्थर साबित होंगे चांद पर भारत के कदम

दिल्ली आजकल ब्यूरो, दिल्ली
24 अगस्त 2023

ऐसे समय में जब केंद्र सरकार अपनी महत्वाकांक्षी चिप उत्पादन योजना को गति दे रही है. ऐसे समय में चंद्रयान मिशन की सफलता सरकार की योजना को काफी गति दे सकती है. इसकी वजह यह है कि चंद्रयान मिशन में प्रयोग किए गए रोवर में जो प्रोसेसर लगे हैं. वह भारतीय सेमिकंडक्टर लेबोरेटरी में ही उत्पादित किए गए हैं और पूरी तरह से भारतीय तकनीक पर आधारित हैं. ऐसे में चंद्रयान मिशन जितना सफल होगा. भारत में  चिप उत्पादन की प्रमाणिकता को भी उतना ही अधिक संबल हासिल होगा.

अधिकारियों के मुताबिक चंद्रयान लॉन्चिंग व्हीकल में जो प्रोसेसर लगाया गया है. उसे विक्रम प्रोसेसर का नाम दिया गया था. यह धरती से चांद की सतह तक जाने के दौरान चंद्रयान को रास्ता दिखाने के साथ ही उसे नियंत्रित मार्ग पर ले जाने के लिए निर्मित किया गया था. इसी तरह से चंद्रयान में लगे कैमरा से भेजे जाने वाली तस्वीरों को प्रोसेस करने के लिए लगाया गया प्रोसेसर भी पूरी तरह से मेक इन इंडिया या भारतीय तकनीक पर आधारित प्रोसीजर है. इनका निर्माण चंडीगढ़ स्थित सेमीकंडक्टर लेबोरेटरी ( SCL ) मोहाली चंडीगढ़ में किया गया था. दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह और निर्देश के अनुसार लगातार इन प्रोसेसर के निर्माण से जुड़े बिंदुओं की जानकारी भी हासिल करते रहे थे. जिससे यह दुनिया के सामने भारतीय इलेक्ट्रॉनिक उद्योग का एक बेहतरीन उत्पाद बनाकर सामने आए. 

एक अधिकारी ने कहा कि भारत फिलहाल तक कार से लेकर मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन में लगे चिप को बाहर से आयात करता रहा है. पहली बार भारत सरकार ने देश के अंदर ही चिप बनाने के लिए कदम उठाए हैं. ऐसे में चंडीगढ़ स्थित सेमी कंडक्टर या चिप  लैबोरेट्री से उत्पादित प्रोसेसर की इतनी बड़ी सफलता देश में चिप उत्पादन के मार्ग को प्रशस्त करने के साथ ही दुनिया में भारतीय इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद और चिप की प्रमाणिकता को भी स्थापित करेगा. जिससे आने वाले समय में भारतीय चिप से दुनिया के कई देशों में इलेक्ट्रॉनिक सामान संचालित और चलते हुए नजर आ सकते हैं.

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