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पर्यावरण अनुकूल हॉस्पिटैलिटी में प्रगति पथ पर अग्रसर – आईएचसीएल और आईएफसी

दिल्ली आजकल ब्यूरो, दिल्ली
3 जनवरी 2024

भारत की अग्रणी हॉस्पिटैलिटी कंपनी इंडियन होटल्स कंपनी (आईएचसीएल) ने घोषणा की है कि उन्होंने केवल 18 महीनों की छोटी अवधि में आईएफसी के टैक् इमर्ज सस्टेनेबल कूलिंग इनोवेशन प्रोग्राम के सहयोग से नौ पायलट प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं. इससे यह जाहिर होता है कि कंपनी पर्यावरण अनुकूल अभ्यास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. कंपनी कार्यक्षम, क्लाइमेट-स्मार्ट, लागत-कुशल कूलिंग समाधान भारत के हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में लाने हेतु प्रयासरत है.

आईएचसीएल के कार्यकारी उपाध्यक्ष-मानव संसाधन गौरव पोखरियाल ने कहा, ’’आईएचसीएल अपने व्यापक ईएसजी प्लस प्लैटफॉर्म ’पथ्य’ के साथ सस्टेनेबिलिटी एवं सामाजिक प्रभाव उपायों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. नौ इनोवेटिव कूलिंग समाधानों कड़े परीक्षण से हम वास्तविक उपयोग में उनके प्रदर्शन का सत्यापन कर सके हैं. हमारे पोर्टफोलियो के होटलों में इन पायलट प्रोजेक्टों के अमल से 18.2 मीलियन यूएस डॉलर की बचत की जा सकेगी तथा सालाना 108,000 tCO2 उत्सर्जन घटाया जा सकेगा. हरे भरे भविष्य के लिए हम आईएफसी के साथ काम कर के बहुत खुश हैं.’’

आईएचसीएल ने ताज पैलेस, नई दिल्ली में तीन पायलट प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक पूरे किए हैं. जिनमें उच्च क्षमता वाला फ्रैश एयर प्यूरिफिकेशन सिस्टम और एक ’लो-ऐप्रोच कूलिंग टावर’ शामिल हैं. एयर प्यूरिफायर की वजह से होटल की लॉबी की वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और पीएम 2.5 में 95 प्रतिशत से अधिक कमी दर्ज की गई है. ताज पैलेस, नई दिल्ली में BE-IoT (बिल्ट ऐन्वायर्नमेंट इंटरनैट-ऑफ-थिंग्स) सिस्टम भी लगाया गया है. जो क्रिटिकल कूलिंग सिस्टम इक्विपमेंट पर फोकस करता है. इसने लागत बचत में उल्लेखनीय क्षमताएं दर्शाई हैं तथा निरंतर निगरानी एवं ऑटोमेशन की अहम भूमिका पर बल दिया है. भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस/मशीन लर्निंग की क्षमताओं के उपयोग से तथा निगरानी एवं ऑटोमेशन के मेल से और भी बड़े पैमाने पर बचत की जा सकेगी.

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