क्या हिमाचल प्रदेश में सेब के दाम पर प्रियंका गांधी हो गईं फेक न्यूज का शिकार!

दिल्ली आजकल ब्यूरो, दिल्ली
7 सितंबर 2023

क्या हिमाचल प्रदेश में सेब के दाम को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी फेक न्यूज या भ्रामक समाचारों का शिकार हो गई हैं. यह सवाल हिमाचल प्रदेश में तेजी से लोगों के बीच किया जा रहा है. इसकी वजह यह है कि प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए कहा था कि अडानी की ओर से सेब के दाम कम पर खोले जाने की वजह से किसानों को नुकसान हो रहा है. जबकि दूसरी ओर, विभिन्न सेब मंडी में दावा किया जा रहा है कि इस बार दाम में इजाफा हुआ है. रोचक यह है कि प्रियंका गांधी ने यह आरोप हिमाचल प्रदेश में सेबों की कीमत को लेकर लगाया है. जहां पर कांग्रेस की ही सरकार है. कृषि उत्पादों का मूल्य केंद्र और राज्य दोनो तय कर सकते हैं. लेकिन ये काफी हद तक राज्य सरकार के जिम्मे आता है. अगर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को मंडियों में दी जा रही सेब की कीमतों काम लग रही है तो वह आसानी से इसका समाधान कर सकती हैं और उसका असर निजी कंपनियों द्वारा निर्धारित मूल्यों पर भी पड़ेगा.

हिमाचल प्रदेश में मौसम की मार के बीच आए प्रियंका गांधी के बयान के बाद राजनीति गर्मा गई है. यह दावा किया जा रहा है कि प्रियंका गांधी को शायद किसी ने फेक न्यूज दी है. जिसकी वजह से उन्होंने सेब के दाम को लेकर बयान दिया है. जबकि दूसरी ओर,स्थानीय मंडी से प्रतिस्पर्धी दामों के कारण बड़ी संख्या में सेब किसान अदाणी के सीए स्टोरेज सेंटर्स (कंट्रोल एटमॉस्फियर स्टोरेज) पहुंच रहे हैं. ठियोग के सैंज, रोहड़ू के मेंहदली और रामपुर के बिथल में बने स्टोर्स में लगभग 10 दिन के भीतर कुल 5000 मीट्रिक टन से अधिक सेब खरीदी हो चुकी है.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को ट्वीट करते कहा कि अदाणी के दाम जारी करने के बाद सेब की पेटियां स्थानीय मंडी में पहले से एक तिहाई दाम पर बिक रही हैं. इससे सेब किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सेब के दाम पर उनको घेरने का प्रयास किया था. उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गर्मा गई है. सेब कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि कृषि उत्पादों का मूल्य केंद्र और राज्य दोनो तय कर सकते हैं. लेकिन यह काफी हद तक राज्य सरकार के जिम्मे आता है. अगर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को मंडियों में दी जा रही सेब की कीमत कम लग रही है तो वो आसानी से इसका समाधान कर सकती है. इसके दाम को बढ़ा सकती है. जिसका असर निजी कंपनियों द्वारा निर्धारित मूल्यों पर भी पड़ेगा.

यह कहा जा रहा है कि अडानी ने पिछले सीजन की तुलना में इस बार 19 रुपये बढ़ाकर दाम खोले थे. जिसके परिणामस्वरूप किसान प्रति किलो 25 से 30 रुपये बचाने में सक्षम हो गए. इसी कारण प्रदेश के अधिकतर सेब उत्पादकों ने अडानी को अपनी पहली पसंद बनाया है.

हिमाचल के किसानों को इस सीजन भूस्खलन और भारी तबाही का सामना करना पड़ा है. जिसके कारण पैदावार भी कम हुई है और सेब की क्वालिटी भी बेहतर नहीं आ रही है. ऐसे में अदाणी एग्री फ्रेश लोकल मंडी के 75 से 85 रुपये प्रति पेटी सेब खरीदी के ऐवज में 110 रुपये तक सेब खरीद रही है. सेब के दाम अच्छे मिलने के साथ साथ किसानों को कम गुणवत्ता वाले सेबों को बेंचने का भी मौका मिल रहा है. सूत्रों की मानें तो लोकल मंडी के कुछ अराजक तत्वों द्वारा अडानी को लेकर कई तरह की भ्रामक अफवाहें फैलाई जा रही हैं. जबकि किसानों का कहना है कि अदाणी एग्री फ्रेश में पैसे भी तत्काल मिल जाते हैं और एक भी सेब रिजेक्ट नहीं होता है. दरअसल इस साल सेब किसानों को राहत देने के उद्देश्य से अडानी ने दो बार सेब के दाम बढ़ाएं हैं. साथ ही स्टोरेज सेंटर्स को सर्वसुविधा युक्त किया गया है. जिससे  दूर दराज से आने वाले किसान ठहरने रुकने में कोई असुविधा महसूस न करें.

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