“नारी शक्ति संगम : महिला – कल, आज और कल” का आयोजन
दिल्ली आजकल ब्यूरो , दिल्ली
3 सितंबर 2023
दिल्ली विश्वविद्यालय के इंडोर स्टेडियम में 3 सितंबर, 2023 को “नारी शक्ति संगम : महिला – कल, आज और कल” का आयोजन किया गया. जिसके प्रथम सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ कृष्ण गोपाल , सह- सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बताया कि वैदिक काल, उपनिषद काल, रामायण – महाभारत काल और बौद्ध काल में महिलाएं हमेशा पुरुषों से अग्रणी थीं. लेकिन मध्यकाल में विदेशी हवा और विदेशी आक्रांताओं की वजह से महिलाओं पर प्रतिबंध लगाए गए. भारतीय दर्शन में महिलाओं को जो स्थान दिया गया है. उसी के पुनर्जागरण की अब आवश्यकता आ गई है.
झंडेवालान विभाग के एक दिवसीय ‘महिला – कल आज और कल’ का यह विमर्श कार्यक्रम दो सत्रों में था. उद्घाटन सत्र का विषय “भारतीय चिंतन में महिला” था. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पदमविभूषण सोनल मानसिंह (राज्य सभा सांसद एवं नृत्यांगना) रहीं. सोनल मानसिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि नारी शक्ति की ऊर्जा से ही सृष्टि बनी हुई है. अब आवश्यकता है कि बेटी पढ़ाओ – बेटी बचाओ के साथ बेटी बढ़ाओ पर भी ध्यान दिया जाए. वर्ण व्यवस्था के द्वारा एक कुंठा पैदा कर दी गई है. जबकि वास्तविकता तो यह है कि नर और नारी मिलकर ही शक्ति बनते हैं.
प्रथम सत्र के पश्चात चर्चा सत्र का आयोजन किया गया. जिसका विषय “वर्तमान में महिलाओं की स्थिति, प्रश्न एवम् करणीय कार्य” थे.
समापन सत्र का विषय “भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका” रही. जिसमें मुख्य वक्ता मोनिका अरोरा ,अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट, ने कहा कि- शिव शक्ति के बिना शव ही हैं. भारतीय संस्कृति की राजदूत महिलाएं हीं हैं. भारतीय दर्शन में महिलाओं की उच्च भूमिका की कहानी दुनिया के समक्ष भारतीय नारी को ही रखनी है. जिसकी शुरुआत अंतरिक्ष विज्ञान में भारतीय महिला वैज्ञानिकों की भूमिका ने कर दी है.
इस सत्र की मुख्य अतिथि प्रोफेसर अनु सिंह लावर जी (वाईस चांसलर,डॉ. बी. आर.अम्बेडकर विश्वविद्यालय ) ने विमेन पावर और विमेन एंपावरमेंट में अंतर बताते हुए कहा कि महिलाएं स्वयं ही ऊर्जावान हैं. बस उन्हें अवसर देने की आवश्यकता है.
इस कार्यक्रम के दौरान प्रांत संयोजिका प्रतिमा लाकड़ा और डॉ. संगीता त्यागी के साथ महिला समन्वय के सभी विभागों की स्त्री शक्ति की भागीदारी भी रही.