दसवीं—बारहवीं की परीक्षा साल में दो बार, अपने बेस्ट नंबर रख पाएंगे छात्र

दिल्ली आजकल ब्यूरो, दिल्ली
23 अगस्त 2023

केंद्र सरकार ने देश में स्कूली शिक्षा को लेकर बड़े बदलाव की घोषणा की है. इसके तहत बोर्ड की परीक्षाएं अब साल में दो बार होंगी. साथ ही छात्रों को इस बात की छूट दी जाएगी कि वे दोनों ही सत्रों में से मिले बेहतर अंक को अंतिम मान सकते हैं. इसके साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षा बोर्डों से कहा है कि वे ऑन डिमांड परीक्षाओं को आयोजित करने की क्षमता भी विकसित करें.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुसार नया पाठ्यक्रम ( एनसीएफ) तैयार है. आगामी 2024 शैक्षणिक सत्र के लिए पाठ्यपुस्तकें तैयार की जाएंगी. वहीं, बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी. प्रधान के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही संबंधित शिक्षा बोर्ड की तरफ से साल में दो बार परीक्षाओं को आयोजित कराने के लिए निर्देश जारी किए जा सकते हैं. फिलहाल साल में बोर्ड परीक्षाएं एक बार आयोजित की जा रही हैं.

एनसीएफ के मुताबिक बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी और छात्रों को सर्वश्रेष्ठ अंक बनाए रखने की अनुमति दी जाएगी. छात्रों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर मिले. इस लिए ऐसा किया जाएगा. इसके बाद छात्र उन विषयों की बोर्ड परीक्षा दे सकते हैं जिसकी उन्होंने तैयारी कर ली है. नई परीक्षा प्रणाली आधारित बोर्ड परीक्षाएं छात्रों की विषयों को लेकर समझ और उनकी प्रतिस्पर्धात्मक उपलब्धियों का मूल्यांकन करेंगी. मंत्रालय का मानना है कि अब तक बोर्ड परीक्षाएं महीनों तक किए गए कोचिंग से हुई तैयारियों और छात्रों की याद करने की क्षमता ही परख पाती हैं. इसके साथ ही कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों को अब दो भाषाएं भी पढ़नी होंगी. इसमें से एक भारतीय भाषा का चयन अनिवार्य होगा.

शिक्षा मंत्रालय द्वारा किए गए बड़े बदलावों के अंतर्गत कक्षा 11 और कक्षा 12 के स्टूडेंट्स को अब स्ट्रीम चुनने की बाध्यता को हटा दिया गया है. ऐसे में छात्र-छात्राओं को इन कक्षाओं में अपने पसंद के विषय चुनने की छूट होगी. फिलहाल सभी बोर्डों के पाठ्यक्रम के अनुसार छात्रों को साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स, वोकेशनल, आदि में से किसी एक का चुनाव करना होता है.

शिक्षा मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार नए पाठ्यक्रम का खाका तैयार कर लिया गया है. अब इसके अनुसार 2024 सत्र के लिए किताबें तैयार की जाएंगी. ऐसे में बोर्ड परीक्षाओं को लेकर की गई घोषणा वर्ष 2024-25 से लागू की जा सकेंगी.

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