संवाददाता, दिल्ली
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र और मैथिली भोजपुरी अकादमी दिल्ली सरकार के सहयोग से मैथिल पत्रकार ग्रुप की ओर से आईजीएनसी सभागार दिल्ली में 27—29 मार्च को आयोजित तीन दिवसीय मैथिली नाटय साहित्य महोत्सव में आए नेताओं ने बिहार में हर साल आने वाली बाढ़, दरभंगा में बनने वाले दूसरे एम्स में देरी को लेकर चिंता जाहिर की।
नेताओं का कहना था कि केंद्र, बिहार सरकार को इस पर मिलकर कार्य करना होगा। बाढ़ रोकने के लिए नेपाल—भारत सरकार के साथ ही बिहार सरकार की सहभागिता वाली एक त्रिपक्षीय समिति बनानी होगी। इस तरह की एक समिति दशकों से कागजों में नेपाल में चल रही है। लेकिन जमीन पर उसका कोई कार्य नहीं हो रहा है।
इस कार्यक्रम में दिल्ली के विधायक ऋतुराज झा, संजीव झा, दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर, बिहार सरकार में जल संसाधन मंत्री संजय झा, मैथिली भोजपुरी अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष नीरज पाठक, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) के निदेशक रमेश चंद्र गौड़, कांग्रेस के सचिव प्रणव झा, भाजपा किसान मोर्चा के मनोज यादव और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया सह—प्रभारी संजय मयूख ने बिहार—मिथिलांचल के विकास और वर्तमान हालात पर अपने विचार प्रस्तुत किए। इस अवसर पर रौशन कुमार झा लिखित दो नाटकों बौकी व बिजहो का मंचन भी किया गया। जिसमें बिहार की कुरीतियों पर व्यंग्य के माध्यम से लोगों को इन पुरानी कुप्रथाओं के अब भी प्रचलन में होने को लेकर चर्चा करने पर मजबूर किया।
बिहार कैडर की आईएएस अधिकारी और भारत सरकार में संयुक्त सचिव डा. एन विजय लक्ष्मी ने इस अवसर पर गणेश वंदना पर मनमोहक भरतनाटयम नृत्य प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया।
इस अवसर पर बिहार—मिथिलांचल के विकास को लेकर एक संगोष्ठी भी की गई। इसमें प्रियंरजन, प्रभाष झा, ऋतेश पाठक,सुजीत ठाकुर, ईश्वर नाथ, राकेश कुमार, मनोज मिश्र जैसे वरिष्ठ पत्रकारों ने अपने विचार रखे। इसका संचालन वरिष्ठ पत्रकार डॉ. रहमतुल्ला ने किया। इन वक्ताओं का कहना था कि बिहार—मिथिलांचल के विकास के लिए रोजगार और उत्पाादन इकाईयों को राज्य में बढ़ाना होगा। गृह और कुटीर उदयोग को भी गति देनी होगी। विकसित प्रदेशों की तरह सिंगल विंडो सिस्टम कर इंडस्ट्री को आकर्षित करना होगा। इस अवसर पर एनबीटी के संपादक सुधीर मिश्र की लघु फिल्म गूलर का फूल का विशेष प्रीमियम भी किया गया.
बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि केंद्र सरकार को बिहार सरकार व नेपाल सरकार को साथ लेकर हर साल आने वाली बाढ़ पर प्रभावी रोक के लिए एक प्राधिकरण बनाने की जरूरत है। इसका निश्चित कार्यकाल हो। यहां की नदियों में बड़े बांध बनाने चाहिए। जिससे बाढ़ रूके। उन्होंने कहा कि नेपाल क्योंकि अलग देश है। ऐसे में केंद्र सरकार का आगे आना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि वह जल संसाधन मंत्री है और यह देखकर हतप्रभ है कि एक कागजी समिति इस मुददे पर वर्षो से काम कर रही है। उसका नेपाल में कार्यलय भी है। भारत के अधिकारी भी वहां पर कथित रूप से तैनात हैं। लेकिन हकीकत में कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अगर बिहार में बाढ़ रोकने में मदद करती है तो वहां पर काफी रोजगार हो सकते हैं। इससे पलायन भी रूकेगा।
दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर ने कहा कि दरंभगा में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान संस्थान बनाया था। लेकिन उनके बाद की सरकार ने उसका राष्ट्रीय स्तर घटा दिया। जिससे मखाना उदयोग को नुकसान हुआ। वह इसे फिर से राष्ट्रीय दर्जा दिलाने के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने दरंभगा एयरपोर्ट को मिथिलांचल और बिहार के विकास का प्रतीक करार देते हुए कहा कि इसके विस्तार की जरूरत है। इसके लिए वह कार्य कर रहे हैं। उन्होंने मिथिलांचल को कई ट्रेन देने के लिए रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव का धन्यवाद करते हुए यहां के लिए एक राजधानी ट्रेन और वंदे भारत की भी मांग की। उन्होंने कहा कि निर्मली—सहरसा को जोड़ने के लिए बने पुल का नाम अटल सेतु रखा जाए। उन्होंने बिहार के दूसरे एम्स, जो दरंभगा में बनना है, उसके लिए बिहार सरकार की ओर से भूमि देने में की जा रही देरी को लेकर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार को इस पर तुरंत कदम उठाना चाहिए। कहीं ऐसा न हो कि बिहार सरकार की इस देरी की वजह से यह एम्स किसी अन्य राज्य में चला जाए। जबकि यह एम्स यहां की आठ करोड़ आबादी के साथ ही सिक्किम और नेपाल तक के लोगों के लिए वरदान साबित होने वाला है। इससे दिल्ली एम्स पर भी दबाव लगभग आधा हो जाएगा।
भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया सह प्रभारी संजय मयूख ने कहा कि बिहार में कई भाषा है। सभी का अपना महत्व और इतिहास है। मैथिली को सबसे मीठी भाषाओं में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि जब कविराज विदयापति की मां को लेकर की गई वंदना जय—जय भैरवी गाई जाती है। वह सीधे आपके दिल और दिमाग मे उतरती है। यह वंदना अदभुद है। उन्होंने कहा कि मैथिल पत्रकार ग्रुप जिस तरह से अपनी भाषा, संस्कृति, रिति—रिवाज को बचाने के लिए लगातार कार्यक्रम कर रहा है। पत्रकारिता जैसे विषम और व्यवस्तता जैसी विधा में शामिल होने के बाद भी जिस तरह से इसके सदस्य यह कार्य कर रहे हैं। वह अप्रतिम है। उन्होंने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद बिहार में विकास के जितने कार्य किये गए हैं। वह पहले नहीं हुए हैं। गंगा पर दूसरे पुल से लेकर नई रेल लाइन और अन्य सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन बिहार में बढ़ा है। उन्होंने कहा कि वह एक एमएलसी के रूप में बिहार और मिथिलांचल के हर व्यक्ति के लिए कार्य करने को संकल्पित हैं।
दिल्ली के विधायक संजीय झा, जो मैथिली भोजपुरी अकादमी के उपाध्यक्ष भी हैं, उन्होने कहा कि दिल्ली में मैथिली और भोजपुरी के संवर्धन और विकास के लिए दिल्ली सरकार हर स्तर पर सहयोग देने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि बिहार—मिथिलांचल के विकास के लिए वहां पर इंडस्ट्री का आना जरूरी है। इसके लिए बिहार और केंद्र सरकार मिलकर कार्य करे। इसमें दिल्ली सरकार भी अपनी भूमिका निभाने को तैयार है।
विधायक ऋतुराज झा और नीरज पाठक ने कहा कि हम सांस्कृतिक रूप से सजग प्रदेश से आते हैं। यहां के हर शिक्षित व्यक्ति का कर्तव्य है कि यह सोचे कि हम बिहार के विकास में क्या भूमिका अदा कर सकते हैं।
कांग्रेस सचिव प्रणव झा ने मैथिल पत्रकार ग्रुप की सराहना करते हुए कहा कि अपनी भाषा, संस्कृति— लोक—कला और परंपरा को बचाने के लिए किया जा रहा उनका प्रयास सराहनीय है। इसकी वजह यह है कि जब भाषा बचेगी। उसी समय संस्कृति बचेगी। यह हमारे इतिहास को भी बचाने का कार्य करती है। पत्रकार क्योंकि जनमत बनाते हैं। ऐसे में उनकी ओर से यह पहल अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि वह जनता तक अपनी बात तेजी और मजबूती से पहुंचाते हैं.
इस कार्यक्रम के दौरान मैलोरंग (मैथिली लोक रंग) नाटय समूह के साथ मर्यादा, जय-जोहार, अष्टादल कला अकादमी आदि ने प्रस्तुति दी. इसके कलाकारों ने अपने नाटकों, गजल, गीत—संगीत से दर्शकों को तीन दिन तक बांधे रखा. इस कार्यक्रम का निर्देशन प्रकाश झा ने किया. जबकि कार्यक्रम में उनकी सहायता बृजेंद्र नाथ, संजीव सिन्हा, विदयानाथ झा, रौशन कुमार, दीपक कुमार झा, भवेश नंदन, अजय पासवान, राखी कुमारी, प्रतिभा ज्योति, मदन झा, प्रमोद कुमार झा और गुडडू जी ने किया. मैथिल पत्रकार ग्रुप के अध्यक्ष संतोष ठाकुर ने इस अवसर पर सभी अतिथियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस समूह का एकमात्र उददेश्य है कि वह राजनीति से अलग हटकर बिहार और मिथिलांचल के विकास के लिए प्रबुद्ध और प्रभावी लोगों को एक मंच पर लाए. जिससे एक सामूहिक निर्णय का निर्माण कर बिहार और मिथिलांचल के विकास को गति देने में सहयोग हासिल किया जा सके. यही वजह है कि हमारे कार्यक्रम में हम हर दल के नेता—प्रतिनिधि को आमंत्रित करते हैं. इसकी वजह यह है कि यही नीति निर्माता मिलकर बिहार का विकास कर सकते हैं. समाज का प्रबुद्ध वर्ग इनका विचार दे सकता है और यह उस पर कार्य को प्रारंभ कर सकते हैं.
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