दिल्ली आजकल ब्यूरो, दिल्ली
18 जनवरी 2023
ऑनलाइन फ्रॉड में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. ये फेसबुक पर ग्लोबल कंपनी के जरिए वीजा इंटरव्यू के लिए विज्ञापन देकर लोगों को अपना शिकार बनाते थे. यह गैंग अभी तक पांच सौ से ज्यादा लोगों से रकम हड़प चुका था. आरोपी बीस से ज्यादा बैंक अकाउंट इस्तेमाल कर रहे थे. आरोपियों की पहचान मधुबनी बिहार निवासी दिनेश कुमार यादव (39) व प्रवीन कुमार (38) के तौर पर हुई. इनममें प्रवीन साल 2020 में हरलाखी विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव भी लड़ चुका है. वर्तमान में वह पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी का स्टेट सेक्रेटरी है. वहीं, आरोपी प्रवीन की बिल्डिंग मैटैरियल की दुकान है. पुलिस ने इनके पास से एक लाख रुपए, छह मोबाइल फोन, सिमकार्ड, एक लैपटॉप, सौलह डेबिट कार्ड बरामद कर बैंक अकाउंट में मौजूद ढाई लाख रुपए जब्त कर लिये हैं.
मध्य जिला पुलिस उपायुक्त श्वेता चौहान ने बताया पहाड़गंज निवासी मोहम्मद असकर ने इस मामले में शिकायत दी थी. पीड़ित ने बताया पोलैंड में मौजूद उसके दोस्त ने भारत से 30 लोगों की व्यवस्था कराने के लिए कहा था. इस बीच उसकी नजर फेसबुक पर एक पेज पर पड़ी. जिसमें आर्यन ट्रेवल्स की ओर दावा करते हुए नियुक्तियों के लिए स्वीकृत एजेंट मुहैया कराने की बात कही गई थी. जिसके बाद पीड़ित ने उस विज्ञापन पर दिए गए फोन नंबर पर संपर्क किया. पीड़ित ने बताया कि फोन उठाने वाले ने खुद को वीएफएस का अधिकृत एजेंट रंजन बताते हुए प्रति उम्मीदवार 35 हजार रूपये में वीजा आदि का प्रबंध करने का दावा किया. उसने कहा कि अगर आदमी ज्यादा होंगे तो प्रति उम्मीदवार यह रकम 30 हजार रूपये हो जाएगी. जिसके बाद पीड़ित ने उसकी बात से आश्वस्त होकर उसके दवारा दिए गए एकाउंट नंबर पर 17,60,500 रुपए ट्रांसफर कर दिए. इसके उपरांत रंजन ने पीड़ित को 76 लोगों की डिटेल दे दी. इसके दो तीन बाद रंजन ने मेलआईडी के जरिए लोगाें के नियुक्ति पत्र भेज दिए. जब उम्मीदवार सम्बंधित ऑफिस गए तो सभी नियुक्त पत्र फर्जी साबित हुए. इसके बाद आरोपी का मोबाइल नंबर भी बंद हो गया. जिसके उपरांत पीड़ित ने पुलिस को शिकायत दी.
पुलिस की जांच उस बैंक अकाउंट पर केंद्रित हुई. जिसमें रूपये जमा कराए गए थे. यह एकाउंट मधुबनी बिहार का था. पुलिस टीम ने वहां जाने के बाद टेक्नीकल निगरानी के आधार पर दोनों आरोपियों को जयनगर से पकड़ लिया. आरोपी प्रवीन कुमार ने पूछताछ में खुलासा किया वह मलेशिया की एक फैक्टरी में काम कर चुका है. उसने फेसबुक पर फर्जी प्रोफाइल बना रखा था. जिसमें दावा किया जाता था कि वे वीजा इंटरव्यू नियुक्ति के अधिकृत एजेंट हैं. इस तरह झांसे में आए लोगों से ये रकम ऐंठ लेते और बदले में फर्जी नियुक्ति पत्र दे देते थे. एक दो महीने बाद वह उस प्रोफाइल को फेसबुक से डिलीट कर देता था.