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दिल्ली आजकल ब्यूरो, दिल्ली
6 जनवरी 2023

लोगों के बीच अपना रौब जमाने के लिए मेट्रो में काम करने वाला एक व्यक्ति फर्जी आईएएस अफसर बन गया. उसने लोगों को यह बताना शुरू कर दिया कि वह आईएएस अधिकारी है. अपनी बात को सही साबित करने के लिए उसने अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती भी लगा ली. पुलिस ने मनोज कुमार गुप्ता (40 वर्ष) नामक इस व्यक्ति को  गिरफ्तार कर लाल बत्ती लगी कार भी जब्त की है. मनोज गुप्ता गंगा विहार शाहदरा निवासी है.

नार्थ ईस्ट डिस्ट्रिक डीसीपी संजय कुमार सेन ने बताया 5 जनवरी की शाम 7. 05 बजे शास्त्री पार्क मार्किट से गुजर रहे एक शख्स ने लाल बत्ती की इस कार को देखा. कार में एक शख्स बैठा हुआ था. उसे कुछ संदेह हुआ. जिसने इस बात की जानकारी वहीं पास ड्यूटी पर तैनात एएसआई धर्मेन्द्र कुमार को दी. एएसआई धर्मेन्द्र ने कार में सवार ड्राइवर से उसकी पहचान पूछी तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया. वह  ट्रैफिक पुलिसकर्मी से बहस करने लगा. जिसके उपरांत ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने मामले की सूचना स्थानीय थाना पुलिस को दी.

इस कार पर आगे बोनट पर हिंदी में भारत सरकार और गाड़ी के पीछे इंग्लिश में गर्वमेंट ऑफ इंडिया, मिनिस्ट्री ऑफ पावर एंड एनर्जी लिखा था. कार की विंड स्क्रीन पर ही एडवोकेट का भी लोगाे लगा मिला. इस वजह से पुलिस को मामला कुछ संदिग्ध लगा. पुलिस द्वारा सवाल जवाब करने पर कार सवार शख्स ने खुद की पहचान संजीव कुमार आईएएस के तौर पर दी. उसने बताया कि वह मिनिस्ट्री ऑफ पावर एंड एनर्जी में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर कार्यरत है. कार पर लाल बत्ती लगाने के लिए वह अधिकृत है. कार के दस्तावेजों को पुलिस ने वैरिफाई किया. गाड़ी मनोज कुमार गुप्ता गंगा विहार शाहदरा निवासी के नाम पर रजिस्ट्रर्ड मिली. ड्राइविंग लाइसेंस पर भी नाम और पता एक था. इसके पास एक आईडी मिला.  जिसमें उसकी पहचान मनोज कुमार गुप्ता, हेड मेनटेनर के तौर पर दी गई थी. यह कार्ड डीएमआरसी ने जारी किया था. आरोपी की सच्चाई सामने आने पर पुलिस ने उसके खिलाफ शास्त्री पार्क थाने में मुकदमा दर्ज कर उसे  गिरफ्तार कर लिया.

आरोपी ने पूछताछ में बताया वह लोगों के बीच प्रभाव जमाने के लिए लाल बत्ती की गाड़ी लगाकर घूमता था. गणतंत्र दिवस नजदीक होने की वजह से आरोपी के पकड़े जाने की सूचना स्पेशल सेल से लेकर अन्य इंटेलीजेंस एजेन्सियों से भी साझा की गई. आरोपी वर्ष 2004 से मेट्रो में काम कर रहा था.

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