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दिल्ली आजकल ब्यूरो, दिल्ली
10 जनवरी 2023

दिल्ली प्रेस एक्रिडिएशन कमेटी की बैठक 10 जनवरी को सम्पन्न हुई. जिसमें दिल्ली सरकार के श्रम आयुक्त एवं निदेशक सूचना एवं प्रचार निदेशक आर एन शर्मा भी उपस्थित रहे. बैठक की अध्यक्षता कमेटी के चेयरमैन एवं एनडीटीवी के वरिष्ठ संवाददाता शरद शर्मा ने की. बैठक में दिल्ली सरकार में मान्यता प्राप्त पत्रकारों के नए केस, रिन्यूएबल केस व पुराने केसों पर फैसले लिए गए. कमेटी के सदस्यों ने एकमत से यह भी फैसला लिया कि जिस प्रकार अधिकतर राज्यों द्वारा मान्यता प्राप्त पत्रकारों को वृद्धावस्था पेंशन स्कीम दी जा रही है. उसी प्रकार दिल्ली सरकार भी इस व्यवस्था को लागू करे. यह बैठक विधानसभा के मीटिंग हॉल में हुई. इस बैठक में कमेटी के लगभग 20 सदस्यों ने भाग लिया. जिनमें मुख्यता वाएं से शैलेंद्र शर्मा (उज्जवल दुनिया), मोहित बख्शी,(न्यूज नेशन) ओम प्रकाश महायान (सांझा मकसद), शरद शर्मा (एनडीटीवी), दिलीप बुंदवाल (एबीपी न्यूज़), दीपक रावत (एबीपी न्यूज़), अमित पांडे (न्यूज 24), संतोष ठाकुर (नवभारत ), आर एन शर्मा IAS (श्रम आयुक्त एवं सूचना निदेशक), प्रमोद शर्मा (संपादक रविवार ), पंकज जैन (आज तक), अर्जुन जैन (सिंह की आवाज़, विपिन धूलिया, उर्मिल बेनीवाल (सूचना अधिकारी), , एस तारीक राजा (दौर ए जदीद), बी के शुक्ला (दैनिक जागरण), मोहम्मद अनवर अली (सुब ए इंकलाब), प्रेम नाथ पांडे (दी इंडियन एक्सप्रेस), अंजली सिंह (एबीपी न्यूज़), आदि मौजूद रहे.

बैठक के दौरान प्रेस एसोसिएशन के महासचिव और दिल्ली प्रेस एक्रीडिटेशन कमेटी के सदस्य संतोष ठाकुर ने बताया कि देश के कई राज्यों में पत्रकारों को पेंशन दी जा रही है. इस पर सरकार के ऊपर कोई बहुत अधिक खर्च भी नहीं आता है. इसकी वजह यह है कि किसी भी समय 200/250 से अधिक पत्रकारों को पेंशन जारी नहीं होती है. इसकी वजह यह है कि 65 वर्ष की आयु पूरी करने वाले पत्रकारों की संख्या किसी भी समय इससे अधिक नहीं होती है. ऐसे में दिल्ली में भी पत्रकारों को इस दायरे में लाया जाना चाहिए. इसकी वजह यह है कि पत्रकार जीवन भर जनता और सरकार के बीच संवाद कायम करने का कार्य करते हैं. यह भी देश सेवा ही है. उन्होंने इसके साथ ही कहा कि दिल्ली सरकार को दिल्ली में कार्यरत पत्रकारों को न्यूनतम ₹20 Lakh का स्वास्थ्य इंश्योरेंस भी देना चाहिए. इसकी वजह यह है कि मौजूदा समय में सभी को चिकित्सीय और आपातकालीन चिकित्सा सेवा की जरूरत होती है. दिल्ली सरकार को अपने कल्याण कोष से पत्रकारों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत भी करनी चाहिए. इसके साथ ही दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के विभिन्न अस्पतालों में पत्रकारों के लिए निश्चित बेड को आरक्षित करने की सुविधा भी देनी चाहिए. इस संबंध में प्रेस एसोसिएशन ने दिल्ली सरकार के प्रेस सूचना विभाग को उन राज्यों से संबंधित सूचना भी उपलब्ध कराई है. जहां पर पत्रकारों को पेंशन की सुविधा दी जा रही है.

संतोष ठाकुर ने कहा कि दिल्ली सरकार को चाहिए कि वह केंद्र सरकार और डीडीए से बात कर इसकी विभिन्न आवासीय योजनाओं में दिल्ली में कार्यरत पत्रकारों के लिए टॉवर भी निश्चित कराए. जिसमें केवल उन पत्रकारों को मकान आवंटित किए जाएं. जिनके पास पहले से दिल्ली में कोई भी घर नहीं है.

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