दिल्ली आजकल ब्यूरो, दिल्ली
19 दिसंबर 2022
संजय गांधी अस्पताल की महिला डॉक्टर को ठगने वाले जालसाज को पुलिस ने पकड़ लिया है. यह महज आठवीं कक्षा तक पढ़ा है. लेकिन स्वयं को आईपीएस अधिकारी बताकर अब तक करीब 50 लोगों को 14 लाख रूपये से अधिक की चपत लगा चुका है. इसका खास निशाना महिलाएं होती थी. इसकी वजह यह है कि वह इसकी बातों पर आसानी से यकीन कर लेती थी. महिला डॉक्टर को इसने स्वयं को आईपीएस अधिकारी बताकर अपनी मां के बीमार होने का हवाला देकर 25 हजार रूपये ऐंठ लिये थे. इस जालसाज की पहचान विकास गौतम उर्फ विकास यादव के तौर पर हुई है.
बाहरी जिला के पुलिस उपायुक्त हरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि संजय गांधी अस्पताल की महिला डॉक्टर की शिकायत पर साइबर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था. महिला डॉक्टर ने बताया था कि ठग ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर आईपीएस की प्रोफाइल बनाई हुई थी. दोनों के बीच सोशल मीडिया के माध्यम से बातचीत शुरू हो गई. जिसके बाद उसने ठगी को अंजाम दिया. इस शिकायत के बाद इलेक्ट्रानिक सर्विलांस की मदद से आरोपी की लोकेशन ग्वालियर में ट्रेस की गई. मूल रूप से ग्वालियर के ही रहने वाले 30 वर्षीय आरोपी ने इंस्टाग्राम, फेसबुक, जीमेल पर आईपीएस विकास यादव के नाम से ही अपनी आईडी बनाई हुई थी. पुलिस पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल लिया.
पुलिस के मुताबिक आरोपी के पिता बीएसएनएल से सेवानिवृत हैं. सीएन कॉवेंट स्कूल ग्वालियर से कक्षा आठवीं तक पढ़ाई करने वाले आरोपी ने आईटीआई वेल्डर कोर्स की भी पढ़ाई की. जिसके उपरांत अनुबंध आधार पर वह बीएचईएल भोपाल में नौकरी करने लगा. उसने कुछ स्थानीय होटलों और ग्वालियर नगर निगम में भी नौकरी की. इसके बाद वह दिल्ली आ गया. यहां मुखर्जी नगर में एक कोचिंग संस्थान के बाहर होटल में वह काम करने लगा. जहां सिविल सेवा की तैयारी करने वाले बच्चों के संपर्क में आने के बाद उसने स्वयं ही फर्जी आईपीएस बनने का निर्णय कर जालसाजी शुरू कर दी. उसके खिलाफ ग्वालियर में भी जालसाजी के मामले दर्ज हैं. साल 2020 में यूपीएससी का परिणाम आने के बाद आरोपी ने इंस्टाग्राम पर विकास यादव आईपीएस के नाम से प्रोफाइल बना लिया. इसके साथ ही यूपीएससी द्वारा चयनित किए गए उम्मीदवारों की लिस्ट भी पोस्ट कर दी. जिससे लोगों को उस पर शक न हो.विकास गौतम द्वारा बनाये गए फर्जी प्रोफाइल के जरिए वह काफी हाई प्रोफाइल लोगों के संपर्क में आया. उसके फर्जी इंस्टाग्राम आईडी पर 19.7 हजार फोलोवर हैं. सोशल मीडिया के जरिए ही आरोपी अपने शिकार की तलाश करता और उन्हें अंडर ट्रेनी आईपीएस बताकर अलग अलग बहाने से रकम ऐंठता था.पुलिस ने आरोपी के पास से एक स्मार्ट फोन, दो सिमकार्ड और एक बैंक पासबुक बरामद की है.