दिल्ली आजकल ब्यूरो , दिल्ली
17 दिसंबर 2022

पूर्व थल सेना अध्यक्ष और केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल ( सेवानिवृत्त ) वीके सिंह ने निजी सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिनिधि संस्था कापसी ( central association of private security industry ) के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सुरक्षा क्षेत्र में प्रशिक्षित कर्मियों की कमी है. इसे निजी सुरक्षा क्षेत्र के प्रशिक्षित लोग पूरा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि एयरपोर्ट से लेकर रेलवे स्टेशन तक ट्रेंड सुरक्षाकर्मियों की कमी है. इसे पूरा करने के लिए निजी सुरक्षा एजेंसियों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है. लेकिन इसके साथ ही यह भी तय करना होगा कि निजी सुरक्षा एजेंसीयां उस मानक को पूरा करती हो. जिसके आधार पर निजी सुरक्षा एजेंसियों को ऐसे महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा का दायित्व दिया जा सके. देश भर की निजी सुरक्षा एजेंसियों के इस सम्मेलन की अध्यक्षता कापसी के चेयरमैन कुंवर विक्रम सिंह ने की. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री रामेश्वर तेली भी उपस्थित थे.

जनरल वीके सिंह ने कहा कि निजी सुरक्षा एजेंसियों को नजरअंदाज करना आज के समय में मुश्किल है. इसकी वजह यह है कि आवासीय परिसर से लेकर औद्योगिक स्थानों और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर निजी सुरक्षा एजेंसी ही सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रही हैं. लेकिन जिस तरह से सुरक्षा क्षेत्र बदल रहा है. यहां पर तकनीकी आधारित सुरक्षा बढ़ रही है. उसे देखते हुए निजी सुरक्षा एजेंसियों को नवीनतम सुरक्षा तकनीक को अपनाना होगा. जिससे नजर ना आने वाली सुरक्षा व्यवस्था के क्षेत्र में भी यह एजेंसियां अपना प्रभाव और स्थान हासिल कर पाए.

उन्होंने कहा कि सरकार ने ड्रोन तकनीक को काफी आसान बना दिया है. अगर निजी सुरक्षा एजेंसियां ड्रोन तकनीक मे अपने कर्मियों को प्रशिक्षित करें तो ना केवल उनका कौशल बढ़ेगा बल्कि निजी सुरक्षा गार्ड के लिए नौकरियों के अवसर भी बढ़ेंगे. इसी तरह से निजी सुरक्षा गार्ड को प्रशिक्षित कर विदेश भेजने का भी बड़ा बाजार उपलब्ध है. इसकी वजह यह है कि भारतीयों की तरह समर्पित सुरक्षा गार्ड उस कीमत पर दुनिया में नहीं मिल सकते हैं. जिस कीमत पर हम उपलब्ध करा सकते हैं. जनरल वीके सिंह ने कहा कि इसके साथ ही टूरिस्ट स्थानों पर प्रशिक्षित गार्ड के लिए बड़ा बाजार उपलब्ध है. अगर निजी सुरक्षा एजेंसियां अपने गार्डों को विभिन्न भाषाओं में दक्ष कर उनकी लैंग्वेज स्किलिंग पर ध्यान दे तो टूरिस्ट स्पॉट उनके लिए रोजगार के एक बड़े केंद्र हो सकते हैं.

जनरल वीके सिंह ने टकीला का उदाहरण देते हुए कहा कि मेक्सिको में इसे केवल एक देसी ठर्रा के तौर पर जाना जाता था. लेकिन इसके उपरांत वहां की सरकार ने एक accreditation बोर्ड बनाया. जिसके बाद टकीला में वह सभी बेहतरीनता शामिल की गई. जिसके आधार पर आज यह दुनिया भर में एक बेहतरीन वाइन के रूप में पहचान रखती है.

उन्होंने कहा कि निरंतर और लगातार बेहतर प्रशिक्षण के आधार पर निजी सुरक्षा एजेंसियां सुरक्षा क्षेत्र में आए गैप को भरने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. लेकिन इसके लिए सुरक्षा एजेंसियों को अप टू डेट बनना होगा. उन्हें विभिन्न तरह की तकनीक सीखनी होगी. उन्हें सुरक्षा क्षेत्र में नवीनतम कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षेत्रों में भी अपने को दक्ष करना होगा. अगर सुरक्षा एजेंसियां क्वालिटी कंट्रोल, स्किलिंग पर ध्यान देगी तो निश्चित तौर पर ना केवल सुरक्षा एजेंसियों बल्कि उनके गार्डों की सिक्योरिटी रेटिंग भी बेहतर होगी. जिससे उनके लिए रोजगार और कारोबार के अवसर लगातार बढ़ेंगे.

जनरल वीके सिंह ने कहा कि सुरक्षा के क्षेत्र में अब फिजिकल या व्यक्तिगत सुरक्षा का दौर धीरे-धीरे बदल रहा है. इस क्षेत्र में तकनीक अपना आधार बनाती जा रही है. ऐसे में तकनीक आधारित सुरक्षा की दिशा में बढ़ना होगा.

कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए CAPSI के चेयरमैन श्री कुंवर विक्रम सिंह ने कहा कि उनकी एसोसिएशन ISO स्टैंडर्ड को तैयार कर रही है. जिससे प्राइवेट सिक्योरिटी सुरक्षा से जुड़े लोगों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नौकरी के अवसर आसानी से हासिल हो पाए. उन्होंने कहा कि भारतीय निजी सुरक्षा एजेंसी अपने आपको आईएसओ मानक के अनुरूप भी तैयार कर रही हैं. जिससे वैश्विक अवश्यकताओं के अनुसार वह अपना कार्य अंजाम दे पाए. उन्होंने निजी सुरक्षा एजेंसियों में अग्निवीरो को नौकरी देने के संबंध में कहा कि उन्हें विशेष तरह की ट्रेनिंग के अवसर भी उपलब्ध कराए जाएंगे. जिससे उन्हें निजी सुरक्षा क्षेत्र में बेहतर अवसर हासिल हो पाए.

उन्होंने कहा कि निजी सुरक्षा क्षेत्र करीब एक करोड़ लोगों को नौकरी के अवसर उपलब्ध करा रहा है. यह रोजगार देने वाला प्रमुख क्षेत्र है. उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसीज रेगुलेशन एक्ट में संशोधन किया जाए. इसके अलावा उन्होंने इस क्षेत्र के लिए एक नियामक प्राधिकरण बनाने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में एफडीआई निवेश की सीमा 49% से बढ़ाकर 74% की जाए. जिससे इस क्षेत्र में को तेजी से विकसित करने में सहायता हासिल हो

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