दिल्ली आजकल ब्यूरो , दिल्ली
7 दिसंबर 2022
भाजपा भले ही दिल्ली नगर निगम चुनाव हार गई है और आम आदमी पार्टी यह कह रही हो कि BJP भाजपा के भ्रष्टाचार के आरोपों को दिल्ली ने स्वीकार नहीं किया है. लेकिन दिल्ली सरकार के मंत्रियों पर उसकी ओर से लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप एक हद तक कामयाब होते नजर आए हैं. भाजपा ने दिल्ली सरकार के जिन मंत्रियों पर पद के दुरुपयोग करने और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. उनकी सीटों पर आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन बहुत खराब रहा है. इन मंत्रियों के क्षेत्र स्थित वार्ड में भाजपा के प्रत्याशियों को बड़े स्तर पर विजय हासिल हुई है.
भाजपा ने सबसे बड़ा आरोप दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री रहे सत्येंद्र जैन पर लगाया था. उनके तिहाड़ वाले कई वीडियो भाजपा ने जारी किए थे. सत्येंद्र जैन के विधानसभा क्षेत्र शकूरबस्ती में 3 वार्ड हैं. इन तीनों ही वार्डों में आम आदमी पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया है. यहां पर तीनों ही सीट भाजपा ने जीती है.
भाजपा ने सत्येंद्र जैन के अलावा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. भाजपा ने उन पर यह आरोप लगाया था कि दिल्ली में विभिन्न स्कूलों की कक्षाएं बनाने के नाम पर धोखाधड़ी की गई है. इसके अलावा मनीष सिसोदिया पर भाजपा ने शराब माफियाओं के साथ मिलकर कारोबारियों को लाभ पहुंचाने वाली शराब नीति बनाने का भी आरोप लगाया है. मनीष सिसोदिया के विधानसभा क्षेत्र मंडावली में चार वार्ड है. यहां पर आम आदमी पार्टी केवल 1 वार्ड में ही जीत दर्ज कर पाई है. जबकि तीन अन्य वार्ड में भाजपा ने कमल खिलाने में कामयाबी हासिल की है.
इन मंत्रियों के अलावा दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत पर भी भाजपा ने बस खरीद में घोटाले का आरोप लगाया है. इनका विधानसभा क्षेत्र नजफगढ़ है. जहां पर दिल्ली नगर निगम के 4 वार्ड हैं. इन चारों वार्ड से आम आदमी पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया है. एक सीट जहां निर्दलीय के हाथ लगी है. वही, नजफगढ़ के तीन अन्य वार्ड में भाजपा के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज करने में कामयाबी हासिल की है.
दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाकों में भी आम आदमी पार्टी को पूरी सफलता हासिल नहीं हो पाई है. मुस्लिम बहुल 21 विधानसभा क्षेत्रों में से केवल 11 में ही आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों को मिश्रित जीत हासिल हुई है. जबकि अन्य जगह पर भाजपा या कांग्रेस ने बाजी मारी है. नागरिकता संशोधन कानून पर देश भर के अंदर अपनी चर्चा कराने वाले ओखला क्षेत्र में भी आम आदमी पार्टी को सफलता हासिल नहीं हो पाई है. जबकि यहां से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान लगातार चर्चाओं में बने रहते हैं. यमुनापार के मुस्लिम बहुल इलाकों में भी आम आदमी पार्टी को ज्यादा सफलता हाथ नहीं लगी है. यहां पर उसकी जगह कांग्रेस अधिक मजबूत नजर आई है.