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दिल्ली आजकल ब्यूरो, दिल्ली
7 दिसंबर 2022

संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार से शुरू हो गया. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी दलो से अनुरोध किया कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चले. इसके लिए सभी दल सहयोग करें. उन्होंने कहा कि संसद के बाधित रहने और इसके ठप होने से नए सांसदों को सीखने का अवसर नहीं मिल पाता है. उन्होंने कहा कि हर दल को अपने नए एवं युवा सांसदों को संसद में बोलने का अवसर देना चाहिए. संसद का यह सत्र 29 दिसंबर तक चलेगा. इस दौरान संसद की कार्यवाही 17 दिन चलेगी. सरकार की ओर से संसद के इस सत्र में 16 बिल प्रस्तुत किये जाने का प्रस्ताव है.

प्रधानमंत्री ने भारत में आयोजित होने वाले जी-20 सम्मेलन को लेकर भी सभी विपक्षी दलों से सहयोग की अपील की. उन्होंने कहा कि यह केवल कूटनीति से जुड़ा कार्यक्रम नहीं है. यह लोकतंत्र की जननी भारत की ओर से अपनी ताकत दिखाने का एक अवसर है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने हाल ही में सभी दलों के नेताओं से बात की थी. उन्हें उम्मीद है कि सभी दल इसे सफल बनाने में अपना सहयोग देंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि यही सहयोग वह संसद के सुचारू संचालन के लिए भी चाहते हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भी वह अनौपचारिक रूप से विभिन्न दलों के युवा सांसदों से मिलते हैं. उनकी एक आम शिकायत या दर्द होता है. उनका कहना होता है कि संसद की कार्यवाही लगातार बाधित या ठप रहती है. इससे उन्हें सीखने का अवसर नहीं मिलता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी दलों को अपने युवा और नए सांसदों को संसद में अधिक अवसर देना चाहिए. यह लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक है. प्रधानमंत्री की इस सलाह पर पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस नेता एच डी देवगौड़ा ने कहा कि संसद में समय नहीं मिलने से वह सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह नियम है कि जिस भी दल का संसद में एक सदस्य होगा. उसे बोलने के लिए मात्र 2/3 मिनट दिए जाएंगे. इसकी वजह से वह लगातार पिछले 20 साल से प्रभावित होते आए हैं.

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