दिल्ली आजकल ब्यूरो, दिल्ली
6 दिसंबर 2022
सेंटर फॉर स्टडी ऑफ डेमोक्रेसी एंड कल्चर द्वारा ‘ लोकतंत्र का द्वंद : भारत के संसदीय जनतंत्र का
विकास ‘ विषय पर एक राउंड टेबल डिस्कशन का आयोजन किया गया. इसके साथ ही पूर्व सांसद स्व. बाला साहेब सालुंके का संपादित जीवन चरित्र (प्रस्तावना द्वारा प्रो राकेश सिन्हा ) ‘ हमारे साहब ‘ पुस्तक का विमोचन भी किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर नागेश्वर राव (कुलपति इग्नू), विशिष्ट अतिथि के रूप में पद्मभूषण प्रभु चावला (एडिटोरियल डायरेक्टर न्यू इन्डियन एक्सप्रेस), वक्ता के रूप में प्रोफेसर रुपिंदर ओबेरॉय (किरोड़ीमल कॉलेज), डॉ संजीव कुमार (जाकिर हुसैन कॉलेज) प्रोफेसर कौशल पनवार (डायरेक्टर स्कूल ऑफ ह्यूमिनिटीज, इग्नू) तथा सेंटर ऑफ स्टडी डेमोक्रेसी एंड कल्चर के डायरेक्ट प्रोफ़ेसर राकेश सिन्हा तथा विभिन्न सम्मानित लोग उपस्थित रहे.
सेंटर फॉर स्टडी ऑफ डेमोक्रेसी एंड कल्चर के निदेशक प्रोफेसर राकेश सिन्हा ने अपने उद्घाटन वक्तव्य में इस कार्यक्रम के विषय उद्देश्य को रखते हुए अथितिगणों से सभा का परिचय कराया व साथ ही भारतीय लोकतंत्र पर बात करते हुए कहा कि वैश्विक दृष्टि से भारत एक ऐसा देश है. जिसने अपने लोकतंत्र को जीवंत किया.
प्रोफेसर कौशल पनवार ने पुस्तक
‘ हमारे साहब ‘ का विस्तार पूर्वक विभिन्न अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डाला.
प्रोफेसर रुपिंदर ओबेरॉय ने अपने वक्तव्य में लोकतंत्र के मूल्यों तथा उसकी विशेषताओं को बताते हुए वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में उसके लोकतंत्र के द्वंद को रेखांकित किया. डॉ संजीव कुमार ने गांधीवादी परिदृश्य में भारतीय संसदीय जनतंत्र के विकास को समझाया. गांधी अपने समय में लोकतंत्र को कैसे देखते है और गांधीवादी चिंतन में लोकतांत्रिक मूल्यों तथा वर्तमान समय में भारतीय लोकतंत्र में उनकी प्रासंगिकता का भी उल्लेख किया.
विशिष्ट अतिथि पद्म भूषण प्रभु चावला ने अपने पत्रकारिता जीवन के चालीस वर्षों से अधिक के अनुभव के आधार पर यह बताने का प्रयास किया कि भारतीय लोकतंत्र कैसे काम करता है. प्रभु चावला ने अपने पत्रकारिता अनुभव को भारतीय लोकतंत्र के विकास के संदर्भ में भी साझा किया.
मुख्य अथिति प्रोफेसर नागेश्वर राव ने अपने वक्तव्य में भारतीय लोकतंत्र का व्यवहारिक परिचय दिया तथा साथ ही कहा कि लोकतंत्र के काम की प्रशंसा होनी चाहिए. भारतीय लोकतंत्र की व्यवस्था अन्य देशों की व्यवस्था से बहुत बेहतर है. सभा के अंत मे प्रो सुमन कुमार ने अतिथियो सहित सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया.