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दिल्ली आजकल ब्यूरो , दिल्ली
24 नवंबर 2022

देश भर में हथियार सप्लाई करने वाले आजाद गैंग के चार बदमाशों को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है. इनके पास से दो सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल, दो एक्सट्रा पिस्टल मैगजीन, बीस जिंदा कारतूस, सिंग्ल शॉट पिस्टल और दो जिंदा कारतूस बरामद किया गया है.

स्पेशल सेल के मुताबिक बिहार की एटीएस के साथ मिलकर इन चारों आरोपियों को पकड़ा गया है. उनकी पहचान अभिषेक भारद्वाज, हुकुम देव, आदित्य तिवारी और तरुण चौहान के तौर पर हुई. सभी आरोपी मूलरुप से बिहार, झारखंड और राजस्थान के रहने वाले हैं. इन्हाेंने आपस में मिलकर आजाद ग्रुप के नाम से एक गैंग बना रखा था. गैंग का सरगना अभिषेक भारद्वाज है. जिसने यूट्यूब चैनल के अलावा फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अकाउंट बना रखा था. इन्हीं सोशल मीडिया के जरिए वह गैंग के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर अवैध हथियार सप्लाई करने का रकैट चला रहा था. इन सभी को 23 नवंबर की शाम महिपालपुर फ्लाईओवर यूटर्न के पास से पकड़ा गया. ये हुंडई वैन्यू कार से अभिषेक भारद्वाज का बर्थ डे सेलीब्रेट करने के लिए आए थे. इन्होंने पार्टी के दौरान सुनसान जगह पर फायरिंग करने का भी प्लान बना रखा था. यहां इनके आने का इनपूट बिहार एटीएस की टीम द्वारा दिया गया था. जिसके बाद एटीएस बिहार और स्पेशल सेल की एक टीम ने संयुक्त रुप से कार्रवाई करते हुए इन्हें पकड़ा. इन सभी के पास हथियार थे. आरोपियों ने पूछताछ में बताया वे अभिषेक भारद्वाज का बर्थ डे सेलीब्रेट करने के लिए महिपालपुर इलाके में होटल की तलाश में थे. आरोपियों को एमपी से हथियारों की एक खेप कुनाल की ओर से भेजी गई थी. जिसने अभिषेक के बर्थ डे में एक पिस्टल गिफ्ट के तौर पर दी थी.
आरोपी अभिषेक भारद्वाज बारहवीं कक्षा तक पढ़ा है. साल 2017 में वह मुंगेर बिहार निवासी लव कुमार के साथ दिल्ली आया. जहां उनहेांने एक लोकल अपराधी राहुल डबास को दो पिस्टल सप्लाई की थी. इस दौरान पेयमेंट को लेकर उसका विवाद हो गया. जहां राहुल डबास ने अभिषेक भारद्वाज को गोली मार दी. गोली के कारण उसके शरीर के निचले हिस्से को लकुआ मार गया था. अभिषेक सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए हथियार तस्करी के गैंग को ऑपरेट कर रहा था. साल 2020 दिसंबर में अभिषेक भारद्वाज के चार सहयोगी विशाखापटनम आंधप्रदेश से अरेस्ट भी किए गए थे. आरोपी हुकुम देव स्नातक पहले वर्ष तक पढ़ा है. कॉलेज के समय में वह इंस्टाग्राम पर अभिषेक के संपर्क में आया और उससे अपना निजी विवाद निपटाने के इरादे से पांच हजार रुपए में सिंगल शॉट पिस्टल खरीद ली. हालांकि उसने पिस्टल का इस्तेमाल नहीं किया और झारखंड में एक गैंग के सदस्य को उसे आठ हजार रुपए में बेच दिया. इसके बाद वह अभिषेक के साथ मिलकर अवैध हथियारों का धंधा करने लगा.
आरोपी तरुण चौहान राजस्थान में एक काॅलेज से बीएससी की पढा़ई कर रहा है. वह भी अभिषेक के संपर्क में आकर इस रैकेट का हिस्सा बन गया.

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