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 दिल्ली आजकल ब्यूरो , दिल्ली 

9 नवंबर 2022

भारत में इस साल के अंतिम महीने से आयोजित होने वाले जी—20 सम्मेलन को लेकर भाजपा और कांग्रेस में राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. इसके प्रतीक चिन्ह या लोगो में कमल का निशान है. कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा बेशर्मी से अपने प्रचार के लिए इस तरह के अंतरराष्ट्रीय आयोजन में भी अपने चुनाव चिन्ह को शामिल कर रही है. इसके जवाब में भाजपा ने कहा है कि कांग्रेस शासनकाल में ही 1950 में कमल को राष्ट्रीय फूल घोषित किया गया था. लेकिन कांग्रेस की ओर से हमलावर हो रहे जयराम रमेश का जन्म 1954 में हुआ था. ऐसे में पहले उन्हें कमल का इतिहास और इसका राष्ट्रीय महत्व जानने की जरूरत है. इस मामले में राजनीति भाजपा नहीं बल्कि कांग्रेस कर रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले ही भारत में आयोजित होने जा रहे जी—20 सम्मेलन के प्रतीक चिन्ह या  लोगो के साथ ही G-20 शिखर सम्मेलन की थीम और वेबसाइट को लॉन्च किया था. G20 के इस लोगो पर कमल का फूल भी है. इसको लेकर ही कांग्रेस ने भाजपा पर हमला किया है. कांग्रेस ने कहा है कि वैश्विक आयोजन के बहाने भी अपनी पार्टी का प्रचार करना यह साबित करता है कि भाजपा को संवैधानिक संस्थाओं और वैश्विक आयोजन की गरिमा को नेस्ताबूद करने में भी किसी तरह की शर्म नहीं है. कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख जयराम रमेश ने कहा कि जी-20 के लोगो में भी भाजपा का चुनाव च्न्हि आ गया है. एक वैश्विक संगठन की मेजबानी के लिए जारी लोगो पर कमल की फोटो होना एक तरह की बेशर्मी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस से भाजपा को सीख लेने की जरूरत है. जब 70 साल पहले कांग्रेस के झंडे को राष्ट्रीय झंडा बनाने का प्रस्ताव आया तो पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उसे खारिज कर दिया था. लेकिन जी—20 के लोगो में भाजपा का चुनाव चिन्ह बताता है कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा बेशर्मी से खुद को बढ़ावा देने का कोई मौका नहीं गंवाएंगी.

कांग्रेस के इस हमले पर भाजपा ने भी पहलवार किया है. उसने कहा है कि कमल को राष्ट्रीय फूल कांग्रेस ने ही बनाया था. क्या उस समय भी यह चौंकाने वाला था. कांग्रेस सरकारों ने लगातार कमल के प्रतीक के साथ मुद्रा सिक्के जारी किए हैं. लेकिन अब कमल को प्रतीक चिन्ह बनाने पर सवाल कर रहे हैं. यह राष्ट्रीय प्रतीक च्न्हि और संस्कृति का अपमान है. मां लक्ष्मी भी कमल पर ही निवास करती हैं. क्या कांग्रेस इस पर भी सवाल करेगी.  इससे पहले जी—20 का लोगो जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि लोगो का यह प्रतीक चिन्ह केवल एक प्रतीक चिन्ह नहीं है. यह एक संदेश, एक भावना है. जो हमारी रगो में है. यह एक ऐसा संकल्प है. जो हमारी सोच में शामिल है. उन्होंने कहा था कि भारत में इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन का होना भारत के लिए   एक ऐतिहासिक अवसर है.  

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