दिल्ली आजकल ब्यूरो , दिल्ली
9 नवंबर 2022
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी)ने रेड लाइन (लाइन-1 अर्थात् रिठाला से शहीद स्थल न्यू बस् अड्डा) पर यात्रि सेवा के लिए 6-कोच वाली ट्रेनों के 39 ट्रेनों के बेड़े में से 02 ट्रेनों को 8-कोच वाली ट्रेन बनाकर चलाने की शुरुआत की है. इस शुरुआत से इस लाइन पर सभी ट्रेनें प्लेटफॉर्मों के किनारे पर ठहरेंगी.
रेड लाइन पर इन 39 ट्रेन सेटों में मैसर्स भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) से खरीदे गए 78 अतिरिक्त कोच जोड़े जा रहे हैं. इन अतिरिक्त कोचों से रेड लाइन (लाइन-1) की यात्री क्षमता में बढ़ोतरी होगी. लगभग 34 कि.मी. लंबी इस लाइन का वर्ष 2019 में गाज़ियाबाद में शहीद स्थल न्यू बस अड्डा तक विस्तार किया गया था. रेड लाइन पर 6 कोच वाली ट्रेन को 8 कोच वाली ट्रेनों में बदलने का कार्य चरणबद्ध रूप से किया जा रहा है. जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि नियमित यात्री सेवाओं पर कोई प्रभाव न पड़े. यह कार्य वर्ष 2024 तक पूरा किया जाना संभावित है.
यात्रियों द्वारा उपयोग (वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 4.7 लाख यात्री) के संदर्भ में रेड लाइन सबसे पुरानी और डीएमआरसी नेटवर्क के सबसे महत्वपूर्ण कॉरिडॉरों में से एक है. जिसमें वैलकम, कश्मीरी गेट, इन्द्रलोक और नेताजी सुभाष प्लेस नामक 4 इंटरचेंज स्टेशन मौजूद हैं. रेड लाइन पर फेज़-IV के पूरा हो जाने पर पुलबंगश और पीतमपुरा नामक दो और स्टेशन इंटरचेंज स्टेशन बन जाएंगे.
पिछले वर्ष, येलो लाइन (लाइन-2 अर्थात् समयपुर बादली से हुडा सिटी सेंटर) और ब्लू लाइन (लाइन- 3/4 अर्थात् द्वारका सेक्टर-21 से नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी/ वैशाली) के शेष 6-कोच वाली ट्रेनों के बेड़े में अतिरिक्त कोच जोड़े जाने का कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया गया था.
फेज़-I के अंतर्गत ये लाइनें, जिन्हें आरंभ में शुरु किया गया था, ब्रॉड गेज़ पर बनाई गई थीं जिस पर 8-कोच वाली ट्रेनें चलाने की व्यवस्था है. दिल्ली मेट्रो नेटवर्क पर 6-कोच वाली पहली ट्रेन सेवा भी वर्ष 2013 में रेड लाइन (लाइन-1) पर ही शुरु की गई थी. इस समय दिल्ली मेट्रो में 336 ट्रेन सेटों का बेड़ा है. जिनमें सभी कॉरिडॉरों (रैपिड मेट्रो, गुरुग्राम और नोएडा मेट्रो को छोड़कर) पर 176 6-कोच वाली ट्रेनें हैं,.138 ट्रेनें 8-कोच वाली तथा 22 ट्रेनें 4-कोच वाली हैं.