रंजीत दिल्ली
6 नवंबर 2022
कवियत्री ममता कालिया ने शनिवार को राघवचेतन राय की सोच और दूरदृष्टि की प्रशंसा करते हुए कहा कि राय विदेशी कवियों से भी आगे की सोचते थे. कार्यक्रम में रश्मिता झा ने राघवचेतन के साथ किए काम के दिनों को याद करते हुए कहा कि वह दूर दृष्टि वाले कवि थे.
कार्यक्रम की संयोजक और रचना के संकलनकर्ता और राघवचेतन की पत्नी कुसुमलता सिंह ने कहा कि उन्हें पढ़ाने में उनके पति की बहुत बड़ी भूमिका थी. शादी तक वह लगभग अनपढ़ थी. लेकिन उनके पति ने शिक्षा दिलाकर न सिर्फ उन्हें शैक्षिक स्तर पर उनका कद बढ़ाया बल्कि सामाजिक स्तर पर भी मान सम्मान दिलाया. बीते दिनों को याद करते हुए कुसुमलता ने कहा कि उनके पति इनकम टैक्स आयुक्त थे. लेकिन साहित्य के प्रति वह समर्पित रहते थे. राघवचेतन राय कविता लिख लिखकर रखते जाते थे. लेकिन उसे छपवाने में कोई दिलचस्पी नहीं लेते थे.
कवियत्री ममता कालिया ने राघव चेतन की रचना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी में लंबी चौड़ी कविताएं कवि लिखते हैं. जबकि अंग्रेजी के कवि बहुत ही छोटी छोटी कविताएं लिखते हैं. खासकर विदेशी कवि बहुत ही छोटी कविता में बहुत कुछ कह देते हैं. राघव चेतन विदेशी कवियों की तरह छोटी छोटी कविता में देश समाज के दुख दर्द को सामने ला देते थे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कवि और साहित्यकार अशोक वाजपेयी ने वर्तमान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज यह कहा जा रहा है कि 70 सालों में कुछ नहीं हुआ. कुछ समय बाद युवा यह कह सकते हैं कि 70 सालों में हिंदी साहित्य के क्षेत्र में भी कुछ नहीं हुआ. इसलिए डर बना हुआ है कि कहीं हिंदी साहित्य समाप्त न हो जाए. उन्होंने राजीव गांधी को याद करते हुए कहा कि राजीव गांधी हिंदी नहीं जानते थे. राजीव किसी भी बात पर कहते थे कि वह देखेंगे. इसलिए एक अखबार ने राजीव गांधी के लाल किले के भाषण पर लिखे संपादकीय में 150 बार देखने का जिक्र किया था.
कार्यक्रम में रश्मिता झा ने कहा कि राघवचेतन बहुत ही संजीदा इंसान थे और आयकर विभाग के बहुत ही कम लोगों को उनकी कविता के बारे में पता था.
पुस्तक के संपादक श्रीधर मिश्र, अरविंद कुमार सिंह, राकेश रेणु ने राघवचेतन की जिंदगी और रचना पर प्रकाश डाला.