बृजेंद्र नाथ , दिल्ली
30 अक्टूबर 2022
एम्स के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग और जयप्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों को जल्द ही बेहतर सुविधा मिलेगी. बर्न एवं प्लास्टिक विभाग में इलाज के लिए आए मरीजों की एक तरफ जहां सुरक्षा बढ़ेगी तो वहीं दूसरी तरफ जलने के मामले में आए मरीजों में इंफेक्शन भी कम होगा. एम्स के बर्न एवं प्लास्टिक विभाग के प्रमुख डॉ मनीष सिंघल ने यह जानकारी दी.
एम्स का बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग और ट्रॉमा सेंटर नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल सर्टिफिकेट प्राप्त करने की दिशा में कार्य कर रहा है. आगामी मार्च महीने में उन्हें यह सर्टिफिकेट मिलने की संभावना है. क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया से संबंधित यह सर्टिफिकेट देश भर के अस्पतालों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मान्यता प्रदान करता है. स्वास्थ्य क्षेत्र में गुणवत्ता के लिए उच्च मापदंड तैयार करने और आम लोगों को इसका फायदा पहुंचाना ही बोर्ड का उद्देश्य होता है.
ऐसे में यह माना जा रहा है कि एम्स के ट्रॉमा और बर्न विभाग को मिलने जा रहे सर्टिफिकेट से मरीजों की देखभाल में सुधार होगा. अस्पताल में होने वाली अव्यवस्थाओं पर रोक लगेगी. एनएबीएच के सीईओ अतुल मोहन कोचर के अनुसार यह सर्टिफिकेट अस्पताल की गुणवत्ता और मरीजों के बेहतर उपचार दिलाने के उद्देश्य से काम कर रहा है. यह सर्टिफिकेट अस्पताल में उपलब्ध दवाइयां, व्यवस्थाएं, मरीजों के इलाज के स्तर, आपात स्थिति में मरीजों व परिजनों के बाहर निकलने के रास्ते सहित कई मुद्दों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है.
एम्स के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग को एनएबीएच का सर्टिफिकेट मिलने के बाद यहां इलाज में और सुधार होगा. मरीजों को यहां-वहां भटकना भी नहीं पड़ेगा. गौरतलब है कि एम्स के बर्न एवं प्लास्टिक विभाग में एनएबीएच के मापदंडों और बेहतर उपचार को लेकर तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसमें बर्न विभाग के चिकित्सक और एनएबीएच सदस्यों सहित करीब 50 लोग उपस्थित रहे. इस दौरान एनएबीएच के अधिकारियों ने बताया कि मरीज को कैसे बेहतर उपचार दें और जलने के मामले में तेजी से इंफेक्शन से कैसे बचाया जाए.
सूत्रों की माने तो एम्स के सभी विभागों को एनएबीएच सर्टिफिकेट प्राप्त करना होगा. इसके लिए पूरी योजना तैयार कर ली गई है. योजना के तहत प्लास्टिक सर्जरी और बर्न विभाग को पहले फेज में शामिल किया गया है. जबकि दूसरे फेज में मदर एंड चाइल्ड केयर यूनिट को शामिल किया गया है.