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बृजेंद्र नाथ, दिल्ली

4 नवंबर 2022

दिल्ली में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक बढ़ने के बाद दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को कई फैसले किये. जिससे दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने में मदद हासिल हो पाए. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने उन तमाम निर्णयों की जानकारी दी. जो दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण कम करने के लिए किये हैं.

गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में हॉटस्पॉट्स पर वायु प्रदूषण को रोकने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा. सभी डीजल वाले ट्रकों की दिल्ली में एंट्री बैन रहेगी. प्राइमरी स्कूल बंद रखे जाएंगे. मिडिल क्लास के लिए आउटडोर एक्टिविटी बंद रहेगी. अगर संभव हो तो स्कूल आनॅलाइन पढ़ाई कराएं. सरकार दिल्ली में 500 अतिरिक्त बस को कांट्रेक्ट पर चलाएगी. निजी कार्यालयों को कहा गया है कि वे अपने कर्मचारियो को वर्क फ्रॉम होम की इजाजत दें. दिल्ली सरकार के कार्यालयों में केवल 50 प्रतिशत कर्मचारी आएंगे. जबकि अन्य कर्मचारी घर से काम करेंगे. दिल्ली सरकार ने प्रदूषण विरोधी प्रतिबंधों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए 6 सदस्यीय पैनल का गठन किया है. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत हुई तो दिल्ली में एक बार फिर से आडॅ—इवन योजना  लागू की जाएगी. जिसमें एक दिन सम और एक दिन विषम संख्या वाली गाड़ियो को ही सड़कों पर इजाजत दी जाएगी.

वायु गुणवत्ता इंडेक्स जब 400 से उपर होता है. उस समय वायु प्रदूषण को खतरनाक माना जाता है. यह कहा जाता है कि उस समय श्वासं रोग, चर्म रोग के अलावा फेफड़ो की बीमारी बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है. इन बीमारियों से पीड़ित लोगों की समस्या में भी इजाफा हो जाता है. शुक्रवार को दिल्ली के अधिकतर इलाकों में वायु गुणवत्ता को गंभीर श्रेणी में माना गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार  आनंद विहार और जहांगीरपुरी राजधानी में सबसे प्रदूषित स्थान रहे. जहां एक्यूआई क्रमश: 471 और 485 रहा. जिन क्षेत्रों में ‘गंभीर’ एक्यूआई दर्ज किया गया है. उनमें अलीपुर (475), अशोक विहार (470), बवाना (482), बुराड़ी (460), डीटीयू (446), द्वारका (474), आईटीओ (438), मुंडका (476), नरेला (477), नेहरू नगर (482), पटपड़गंज (435), रोहिणी (474), सोनिया विहार (472), विवेक विहार (471) और वजीरपुर (475) आदि शामिल है.

पराली पर आम आदमी पार्टी और भाजपा में आरोप—प्रत्यारोप

भाजपा ने कहा है कि पहले अरविंद केजरीवाल कहते थे कि पंजाब में पराली जलाने से दिल्ली की सांस में समस्या हो रही है. लेकिन जब से वहां केजरीवाल की पार्टी की सरकार बनी है. वह पराली जलाने पर चुप्पी साध गए हैं. उन्होंने कहा था कि वह किसानों को इसे जलाने की जगह अन्य विकल्प देंगे. लेकिन सरकार बनने के बाद वह किसानों से इस मुददे पर बात नहीं कर रहे हैं. दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी ने कहा है कि पराली केवल पंजाब में नहीं जलती है. हरियाणा, उप्र में भी यह समस्या है. उत्तर भारत की इस समस्या से निपटने के लिए उत्तर भारत के सभी राज्यों को मिलकर कार्य करना होगा. भाजपा को इस पर राजनीति बंद करनी चाहिए. 

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