विनय कुमार, दिल्ली
15 जून 2022
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से संयुक्त विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक में 17 से अधिक विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया. ये सभी दल इस बात पर सहमत थे कि विपक्ष की ओर से एक संयुक्त उम्मीदवार खड़ा किया जाए. बैठक में शामिल सभी दलों ने एकमत से इस पद के लिए संयुक्त उम्मीदवार के रूप में एनसीपी प्रमुख शरद पवार का नाम लिया. हालांकि उन्होंने इससे इनकार कर दिया. जिसके उपरांत गोपाल कृष्ण गांधी और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अबदुल्ला के नाम भी सामने आए. लेकिन इस बैठक में शामिल सभी नेताओं ने यह तय किया कि वे एक बार फिर से शरद पवार से अनुरोध करेंगे. उसके बाद ही किसी अन्य उम्मीदवार के नाम पर सहमति बनाई जाएगी. ममता बनर्जी ने कहा कि उनके पास दो दिन हैं. हम सभी को जल्द ही संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार का नाम सार्वजनिक करेंगे. उन्होंने कहा कि यह एक बेहतर संकेत है कि सभी दल इस बात पर सहमत हुए हैं कि वे एक साथ आएं. यह राष्ट्रपति चुनाव के लिए हमारी शुरूआत है. उन्होंने 2024 के चुनाव में ऐसी ही विपक्षी एकता के सवाल पर कहा कि इस समय हम राष्ट्रपति चुनाव की बात कर रहे हैं. ममता बनर्जी की इस बैठक को विपक्षी दलों की ओर से एक सफल आयोजन माना जा रहा है. पहले इसकी सफलता को लेकर स्वयं विपक्षी दलों के अंदर असमंजस की स्थिति थी.
ममता बनर्जी की ओर से आयोजित इस बैठक में आम आदमी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति और अकाली दल ने हिस्सा नहीं लिया. जबकि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने स्वयं शरद पवार से मुलाकात की थी. इसी तरह से विपक्ष के उम्मीदवार को लेकर तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भी पवार से भेंट की थी. इन दलों के बैठक में नहीं आने पर ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी कुछ व्यस्तता रही होगी. उन्होंने यह भी कहा कि यह एक बड़ी उपलब्धि है कि सभी विपक्षी दलों ने इस बात की जरूरत महसूस की कि उनको साथ बैठना चाहिए. ममता बनर्जी ने इस बात के भी संकेत दिए कि वह इस बात से प्रसन्न है कि इसमें कांग्रेस भी शामिल है. उन्होंने कहा कि यहां पर कांग्रेस भी है. यह संकेत है कि विपक्ष के सभी दल चाहते हैं कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए वह एक साथ आएं. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत हुई तो वह स्वयं बैठक में नहीं आने वाले दलों के प्रमुखों से बात करेंगी. उनसे शरद पवार भी बात करेंगे. एनसीपी के शरद पवार के साथ प्रफुल्ल पटेल भी बैठक में उपस्थित थे. शरद पवार ने कहा कि उनका नाम सभी दलों ने प्रस्तावित किया है. इसके लिए वह उनका धन्यवाद करते हैं. वह उनके प्रस्ताव का सम्मान करते हैं. लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया है. वह चाहते हैं कि इसके लिए किसी अन्य योग्य व्यक्ति का नाम सामने आए. वह इस अभियान में अपनी भूमिका अदा करेंगे.
इस बैठक में 17 विपक्षी दलों का एक साथ आना चौंकाने वाला था. पहले यह माना जा रहा था कि इस बैठक में अधिकतम आधा दर्जन या उससे कुछ अधिक दल ही शामिल होंगे. ममता बनर्जी की बैठक में विशेषकर कांग्रेस की उपस्थिति से यह साफ संकेत मिले कि 2024 के अभियान में कांग्रेस अपनी ओर से कुछ समझौता करने को भी तैयार है. जिससे उस पर विपक्षी एकता को कमजोर करने का आरोप न लगने पाए. ममता बनर्जी की इस बैठक में कांग्रेस, एनसीपी, सपा, डीएमके, सीपीआई, सीपीएम, सीपीआईएमएल, आरएसपी, शिवसेना, नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, राष्ट्रीय लोकदल, जेडीएस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, आईयूएमएल जैसे दल शामिल हुए. अपने खराब स्वास्थ्य के बावजूद इसमें पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा भी शामिल हुए. जबकि कांग्रेस की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे— जयराम रमेश और रणदीप सुरजेवाला, एनसीपी से शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल, राजद से मनोज झा, नेशनल कांफ्रेंस से उमर अब्दुल्ला, पीडीपी से महबूबा मुफती, राष्ट्रीय लोकदल से जयंत चौधरी, सपा से अखिलेश यादव उपस्थित हुए.