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विनय कुमार, दिल्ली
26 अप्रैल 2022

कांग्रेस ने अनुशासनहीनता के आरोप में पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद सुनील जाखड़ के साथ ही केरल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री केवी थॉमस के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है. पार्टी की अनुशासन समिति ने इन दोनों ही  नेताओं को दो साल के लिए पार्टी से निलंबित करने की अनुशंसा की है. इस मामले में अंतिम फैसला पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी लेंगी. सुनील जाखड़ पंजाब चुनाव के दौरान लगातार तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ हमलावर बने हुए थे. उन पर यह आरोप भी लगाया गया था कि उन्होंने दलित समाज से आने वाले चन्नी के साथ ही समस्त दलित समाज को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. वहीं, केवी थॉमस ने पार्टी निर्देशों को अनदेखा करते हुए सीपीआईएम के राष्ट्रीय अधिवेशन में हिस्सा लिया था. उनका कहना था कि जब स्वयं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी वामपंथी दलों के साथ गठबंधन करने के साथ ही उनके मंचों पर जाते रहे हैं तो उनको इससे क्यों मना किया जा रहा है. उन्होंने कहा था कि वह सीपीआईएम के अधिवेशन में वक्ता की हैसियत से जा रहे हैं. यह पार्टी पर निर्भर करता है कि वह उनके खिलाफ क्या कार्रवाई करती है. वह अपने फैसले से पीछे नहीं होंगे.

इन दोनों नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा के लिए कांग्रेस ने पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटोनी के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय समिति गठित की थी. इसमें तारिख अनवर, जेपी अग्रवाल, जी परमेश्वर, अंबिका सोनी शामिल थीं. मंगलवार को इस समिति की बैठक हुई. जिसमें यह फैसला किया गया कि पार्टी के नियमों और अनुशासन की अवेहलना करने वाले इन दोनों नेताओं को पार्टी के सभी पदों से मुक्त करते हुए दो साल के लिए पार्टी से निलंबित किया जाए. मंगलवार को हुई बैठक में हालांकि अंबिका सोनी उपस्थित नहीं थी. अनुशासन समिति की इस सिफारिश के आने के बाद सुनील जाखड़ ने कहा कि वह कांग्रेस को अपनी शुभकामनाएं देते हैं. कांग्रेस की इस अनुशासन समिति ने मेघालय में उन पांच विधायकों के खिलाफ भी कार्रवाई की अनुशंसा की है. जो पार्टी निर्देशों को धत्ता बताते हुए मेघालय डेमोक्रेटिक एलायंस में शामिल हो गए हैं.

यह पहले से ही तय माना जा रहा था कि जाखड़ और थॉमस के खिलाफ कार्रवाई होगी. इन दोनों नेताओं को कारण बताओं नोटिस भी जारी किया गया था. थॉमस ने तो इसका जवाब दिया था.  लेकिन सुनील जाखड़ ने इसका जवाब तक  नहीं दिया था. उनका कहना था कि पंजाब चुनाव ने यह साबित कर दिया कि वह सही थे. उन्होंने कहा था कि चन्नी कांग्रेस के लिए बोझ बन जाएंगे. उनके नेतृत्व में पार्टी राज्य में चुनाव बुरी तरह हारेगी. यह अंतत: सच हुआ है. उनकी बात सही साबित हुई है. ऐसे में वह कोई जवाब क्यों दें. मंगलवार को अनुशासन समिति की बैठक से पहले इसको लेकर किये गए एक सवाल में जवाब में उन्होंने कहा कि आज सिर उनके कलम होंगे, जिनमें जमीर बाकी है. यह माना जा रहा है कि थॉमस सीपीआईएम की सदस्यता ग्रहण कर  लेंगे. उन्हें सीपीआईएम उप—चुनाव में उतारने पर भी विचार कर रही है. थॉमस जिस क्षेत्र से आते हैं. वहां पर उनकी मजबूत पकड़ है. यही वजह है कि तमाम प्रयास के बाद भी वहां पर सीपीआईएम जीत नहीं पाती थी. लेकिन कांग्रेस ने इस बार थॉमस को टिकट ही नहीं दिया था. उसी समय से यह माना जा रहा था कि सीपीआईएम उनको अपने पाले में लाने के लिए कदम उठाएगी.

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