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22 July 2022

दिल्ली आजकल ब्यूरो, दिल्ली

महाराष्ट्र में सरकार बदलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट हाई स्पीड ट्रेन को बुलेट गति से आगे बढ़ाने का बड़ा कदम सामने आया है. रेलवे ने मुंबई—अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजन के तहत ब्रांदा—कुर्ला कॉम्पलैक्स पर बनने वाले भूमिगत रेलवे स्टेशन के डिजाइन और निर्माण के लिए निविदा—टेंडर जारी किये हैं. यह इस रूट का एकमात्र भूमिगत रेलवे स्टेशन है. इसके साथ ही रेलवे ने इससे जुड़ी सुरंगों के निर्माण के लिए भी निविदा जारी की है.

बांद्रा—कुर्ला कॉम्पलैक्स स्थित भूमिगत रेलवे स्टेशन के लिए निविदा जारी करने को लेकर रेलवे ने इससे पहले 11 बार तिथियों में बदलाव किया था. जब नवंबर 2019 में एक बार रेलवे ने इसके लिए निविदा जारी भी की तो उसे इसे बाद में निरस्त करना पड़ा. इसकी वजह यह थी कि तत्कालीन महाराष्ट्र सरकार ने उसे इसके लिए जरूरी 4.2 हैक्टैयर भूमि उपलब्ध नहीं कराई. यहां पर स्टेशन निर्माण के लिए बीपीसीएल के एक पेट्रोल पंप को स्थानांतरित करने के अलावा कुछ अन्य कार्य भी किये जाने हैं. रेलवे का कहना था कि महाराष्ट्र की तत्कालीन सरकार ने वे जरूरी कार्य भी लंबित रखे थे.

रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने स्वयं इन निविदाओं की जानकारी दी. इससे पहले महाराष्ट्र के उप—मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस ने नवभारत से बातचीत में कहा था कि बुलेट ट्रेन उनकी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है. सरकार जल्द ही मुंबई में इसके निर्माण से संबंधित सभी जरूरी कानूनी संस्तुति देगी. राज्य में एकनाथ शिंदे सरकार बनने के बाद बुलेट ट्रेन से संबंधित यह पहला टेंडर है. शिंदे सरकार ने हाल ही में इस योजना को अपनी हरी झंडी दी थी. पूर्व की उद्धव ठाकरे सरकार के दौरान बुलेट ट्रेन परियोजना को लगभग ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था.

अश्वनी वैष्णव ने कहा कि मुंबई के भूमिगत बुलेट ट्रेन रेलवे स्टेशन के डिजाइन और निर्माण के साथ ही इससे संबंधित सुरंगों के निर्माण के लिए भी निविदा जारी की गई है. रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि इस समय यह कहना मुश्किल है कि मुंबई—अहमदाबाद बुलेट ट्रेन क्या अपने पूर्व के निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक अपनी शुरूआत से ही मुंबई—अहमदाबाद के बीच दौड़ेगी. इसकी वजह यह है कि मुंबई में जमीन नहीं मिलने की वजह से यहां पर कुछ भी काम नहीं हुआ है. लेकिन हमारा प्रयास होगा कि जमीन मिलने के बाद इस योजना से जुड़ा निर्माण कार्य बुलेट गति से हो. इसके लिए अतिरिक्त इंजीनियर और कामगारों को नियुक्त करने के साथ ही अन्य सभी संभव कदम उठाए जाएंगे.

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