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19 July 2022

शिवसेना में बड़ी टूट, एकनाथ शिंदे ने 12 सांसदों के साथ दिल्ली में किया शक्ति प्रदर्शन

विनय कुमार, दिल्ली

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार का तख्ता पलट करने के बाद एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के सांसदों में भी टूट कराने में सफलता हासिल कर ली है. उन्होंने मंगलवार को दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में राहुल शेवाले, भावना गवली, कृपाल तुमाने, संजय मंडलीक, हेमंत पाटिल, हेमंत गोडसे, सदाशिव लोखंडे, प्रतापराव जाधव, श्रीकांत शिंदे सहित एक दर्जन शिवसेना सांसदों के साथ उपस्थित होकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि हमनें शिवसेना तोड़ी नहीं है. हम शिवसेना ही है. हमारी पार्टी की चीफ व्हीप भावना गवली हैं. उनके नेतृत्व में संसदीय दल ने यह फैसला किया कि हम लोकसभा में अपना नेता बदलेंगे. इसके उपरांत उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को इससे संबंधित एक पत्र दिया. राहुल शेवाले को लोकसभा में विनायक राउत की जगह नेता बनाया गया है. उन्होंने कहा कि इस समय उनके साथ 12 सांसद हैं. लेकिन असल में शिवसेना के सभी 18 सांसद हमारे साथ ही हैं. जो लोग यहां नहीं आए हैं. उनसे भी भावना गवली बात करेंगी. राहुल शेवाले ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने उनके पत्र को स्वीकार करते हुए उन्हें मान्यता दे दी है.

एकनाथ शिंदे ने शिवसेना नेता संजय राउत के उस बयान पर कोई टिप्पणी नहीं कि जिसमें उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कॉमेडी शो कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने संजय राउत गुट के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी. जिसमें यह कहा गया था कि अगर शिंदे गुट लोकसभा में नेता बदलने का प्रयास करता है तो उसे अदालत में चुनौती दी जाएगी. उन्होंने इसके जवाब में कहा कि लोकतंत्र में कोई कहीं भी जा सकता है. शिंदे ने कहा कि हमारे एक एक सांसद 12 से 15 लाख् और कुछ मामलो में 22 लाख जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं. ऐसे में हमारी प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता को लेकर कोई सवाल नहीं किया जा सकता है. हम बाला साहेब ठाकरे और आनंद दिघे के मार्ग पर चल रहे हैं. हम उस हिंदू विचारधारा को आगे ले जा रहे हैं. जिसके लिए शिवसेना और भाजपा के बीच करार हुआ था. हमारे अधिकतर सांसद राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रत्याशियों को हराकर आए हैं. लेकिन उसके बाद हम उसी राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ गठबंधन में चले गए.जिसका विरोध पार्टी के अंदर हम लगातार करते रहे. लेकिन जब बात नहीं बनी तो हमें यह कदम उठाना पड़ा. लेकिन हम शिवसेना ही है. उन्होंने उद्धव ठाकरे परिवार के साथ समझौता पर कहा कि हम अलग नहीं हुए हैं. हम एक ही हैं. लेकिन उनको महाविकास अघाड़ी छोड़कर आना होगा. इसकी वजह यह है कि महाविकास अघाड़ी और हमारी विचारधारा अलग है. हम  भाजपा के साथ विचारधारा के मोर्चे पर एक हैं.

उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान को लेकर उन्होंने कहा कि हम निश्चित तौर पर एनडीए उम्मीदवार को वोट देंगे. इसकी वजह यह है कि जब केंद्र सरकार से शिवसेना के मंत्री ने इस्तीफा दिया था. उस समय भाजपा से गठबंधन तोड़ने का कोई पत्र जारी नहीं किया गया था. महाविकास अघाड़ी में शामिल होने को लेकर भी कोई अधिकारिक पत्र जारी नहीं किया गया था. हम उस समय से  लेकर आज तक भी एनडीए का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही यह पता चल जाएगा कि कितने और सांसद, विधायक, पार्षद और जिला  प्रभारी हमारे पक्ष में हैं. शिवसेना का प्रमुख कौन है. इस मुददे पर उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्र हैं. वह यह जानते हैं. उनका मुख्य कार्य राज्य की जनता के हित के लिए बतौर शिवसेना मुख्यमंत्री कार्य करना है. इस क्रम में उन्होंने पेट्रोल—डीजल के दाम कम किये हैं. किसानों के ऋण के मुददे पर काम किया गया है.कई अन्य कदम उठाए जा रहे हैं. जिसकी जानकारी जल्द मिलेगी.

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