images (2)

September 19, 2022

विनय कुमार, दिल्ली

कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चुनाव रोचक हो सकता है. इसकी वजह यह है कि कांग्रेस के असंतुष्ट धड़े के नेता शशि थरूर का अध्यक्ष का चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा है. उन्होंने विदेश से वापस लौटी सोनिया गांधी से सोमवार को मुलाकात की. इस दौरान थरूर ने उनसे अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की. इसके साथ ही उनका समर्थन भी मांगा. सोनिया गांधी ने थरूर को चुनाव लड़ने की स्वीकृति देने के साथ ही कहा कि संगठन में आंतरिक लोकतंत्र के लिए चुनाव जरूरी है. ऐसे में उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए. लेकिन वह सार्वजनिक रूप से किसी भी उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेंगी. इसके अलावा उनकी ओर से कोई उम्मीदवार भी खड़ा नहीं किया जाएगा. चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष होंगे. हालांकि इन गतिविधियों के बीच ही छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु के बाद महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी एक प्रस्ताव पारित करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में अपना विश्वास व्यक्त किया है. इसमें कहा गया है कि राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनना चाहिए. असंतुष्टों के धड़े G-23 के नेताओं का मानना है कि यह गांधी परिवार के विश्वासपात्र नेताओं की ओर से चलाया जा रहा कार्यक्रम है. जिससे राहुल गांधी अंत समय में अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो जाएं. फिलहाल तक राहुल गांधी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से इनकर करते रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 3 दिन बाद नामांकन शुरू होने हैं.

यह माना जा रहा है कि अगर राहुल गांधी अध्यक्ष पद पर चुनाव नहीं लड़ते हैं. ऐसे में गांधी परिवार की ओर से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उम्मीदवार बनाया जा सकता है. अशोक गहलोत भी यह कह चुके हैं कि अगर उनको सोनिया गांधी चुनाव लड़ने के लिए कहती हैं. ऐसे में वह अपना नामांकन कर सकते हैं. ऐसे में अगर गहलोत अध्यक्ष पद के उम्मीदवार बनते हैं तो फिर चुनाव रोमांचक हो सकता है. हालांकि अशोक गहलोत ने भी कहा है कि कांग्रेस के अन्य नेताओं की तरह उनका भी मानना है कि राहुल गांधी को ही अध्यक्ष बनना चाहिए. वह देश भर में कांग्रेस को जोड़ने वाली शक्ति हैं. इसके अलावा मोदी सरकार के खिलाफ असरदार संघर्ष करने में भी वह सक्षम है.

 सोमवार को शशि थरूर से मिलने के अलावा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी बनाए गए जयप्रकाश अग्रवाल, बॉक्सर विजेंदर सिंह के अलावा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पुत्र और सांसद दीपेंद्र हुड्डा से भी मुलाकात की. भूपेंद्र हुड्डा भी जी-23 समूह के सदस्य रहे हैं. हालांकि हाल ही में उन्होंने कहा था कि वह केवल पुरानी दोस्ती की वजह से G-23 नेताओं की बैठक में जाते रहे थे. उन्होंने सार्वजनिक रूप से राहुल गांधी को अपना नेता भी स्वीकार किया है.

शशि थरूर पिछले काफी समय से कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सवाल उठाते रहे हैं. उन्होंने मनीष तिवारी, प्रदीप बोर्दोलोई के साथ मिलकर कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की निष्पक्षता को लेकर भी सवाल किए थे. उन्होंने कहा था कि सभी उम्मीदवारों के लिए मतदाता सूची सार्वजनिक की जाए. जिससे हर उम्मीदवार को यह पता रहे कि मतदाता कौन है. वह अपने नामांकन को किन सदस्यों के माध्यम से प्रस्तावित करा सकते हैं. अगर सभी को मतदाता सूची नहीं दी जाती है. ऐसे में चुनाव के पारदर्शी और निष्पक्ष रहने की संभावना खत्म हो जाती है. थरूर ने कहा था कि सभी उम्मीदवारों को एक समान अवसर मिलने चाहिए. ऐसे में सभी को मतदाता सूची दी जानी चाहिए. हालांकि कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने कहा था कि सूची सार्वजनिक नहीं की जाएगी. जो भी उम्मीदवार बनता है. उसे कांग्रेस कार्यालय से आकर यह सूची लेनी होगी. जिस पर थरूर ने कहा था कि किसी भी उम्मीदवार के लिए यह संभव नहीं है कि वह हर राज्य के प्रदेश कार्यालय में जाकर सूची एकत्रित करे. यह जानबूझकर कुछ लोगों को चुनाव से बाहर करने की रणनीति भी हो सकती है. जिसके बाद थरूर के खिलाफ कांग्रेस के कई नेताओं ने मोर्चा भी खोला था. लेकिन थरूर ने कहा था कि वह अपनी बात पर कायम है. वह कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए आवाज उठाते रहेंगे. इधर, कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात होने से कुछ समय पहले ही थरूर ने कुछ युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से हस्ताक्षरित एक संकल्प पर भी हस्ताक्षर किया था. यह संकल्प पत्र भी कांग्रेस में आंतरिक पारदर्शिता और लोकतंत्र बहाली के समर्थन में लिखा गया है. जिसमें यह कहा गया है कि उदयपुर संकल्प को आगे बढ़ाने के लिए सभी समान विचारधारा वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एक साथ आने की जरूरत है.

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *