संदीप जोशी, दिल्ली
16 सितंबर 2022
देश और दुनिया में योग तथा आयुर्वेद को पहचान दिलाने के बाद योग गुरु बाबा रामदेव देश के अग्रणी कारोबारी बनने की दिशा में भी बढ़ रहे हैं. पतंजलि फूड्स का मार्केट कैप 50000 करोड रुपए तक पहुंचाने के उपरांत बाबा रामदेव ने अगले 5 साल में चार नई कंपनियों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने का ऐलान किया है. यह कंपनियां पतंजलि आयुर्वेद, पतंजलि वैलनेस, पतंजलि मेडिसिन और पतंजलि लाइफस्टाइल होंगी. बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि फूड्स का कारोबार अगले 5 साल में एक लाख करोड़ रुपए के करीब होगा. इसके अलावा जो 4 नई कंपनियां शेयर बाजार में सूचीबद्ध की जा रही है. उन कंपनियों का कारोबार भी एक लाख करोड़ रुपए प्रति कंपनी का लक्ष्य रखा गया है. इस तरह से अगले 5- 7 साल में पतंजलि समूह की कंपनियों का टर्नओवर 5 लाख करोड़ रुपए होगा. उन्होंने कहा कि पतंजलि अगले 5-7 साल में 5 लाख प्रत्यक्ष रोजगार भी देगी.
पाम ऑयल- शिक्षा और वैलनेस
बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि अगले कुछ सालों में 15 लाख एकड़ भूमि पर पाम ऑयल के पेड़ लगाएगी. इससे अगले 40 वर्ष तक प्रति वर्ष 2000 करोड़ रुपए की आय का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने कहा कि इससे देश में खाद्य तेल में विदेशी निर्भरता को भी कम किया जा सकेगा. इस समय खाद्य तेल बड़ी मात्रा में आयात किया जाता है. उनकी परियोजना के क्रियान्वित होने से खाद्य तेलों का आयात कम होगा. जिससे विदेशी मुद्रा भी बचेगी. उन्होंने इसके साथ ही अगले 5 साल में देश के अंदर एक लाख पतंजलि विद्यालय बनाने का भी ऐलान किया. उन्होंने कहा कि इसके लिए शिक्षा बोर्डों से मान्यता भी हासिल की जाएगी. बाबा रामदेव ने एक बार फिर एलोपैथी पर हमला करते हुए कहा कि इसके माध्यम से केवल किसी रोग पर तात्कालिक रोक लगाई जा सकती है. लेकिन किसी भी रोग को जड़ से आयुर्वेद ही खत्म कर सकता है. अगर सर्जरी की बात छोड़ दी जाए तो 98% रोगों पर आयुर्वेद प्रभावी है. उन्होंने और पतंजलि ने इसे साबित करके दिखाया है. उन्होंने कहा कि भले ही एलोपैथी माफिया उनके खिलाफ तमाम तरह के प्रपंच करे. लेकिन आयुर्वेद और योग को निरोगता का विकल्प बनाने का उनका अभियान जारी रहेगा. वह अगले 5-7 साल में 1 लाख वैलनेस सेंटर खोलेंगे.
झूठा प्रचार , घिनौना षड्यंत्र
बाबा रामदेव ने कहा कि कुछ लोग , समूह और राजनीतिक दल उनसे व्यक्तिगत ईर्ष्या रखते हैं. वह इस बात को हजम नहीं कर पा रहे हैं कि एक अनपढ़ माता-पिता का सरकारी स्कूल और गुरुकुल में पढ़ने वाला रामदेव इतनी बड़ी कंपनियों का संचालन कैसे करने लगा है. इस वजह से कभी उनके तो कभी पतंजलि समूह के उत्पाद को लेकर घिनौने षड्यंत्र -झूठे प्रचार किए जाते हैं. वह पहले इस तरह के प्रचार पर ध्यान नहीं देते थे. लेकिन इस बार झूठा प्रचार करने वाले करीब 100 लोगों के खिलाफ कानूनी नोटिस जारी किए गए हैं. बाबा रामदेव ने कहा कि उत्तराखंड घनसाली में पतंजलि घी के खिलाफ एक षड्यंत्र हुआ. जिसमें इसे फेल करार दिया गया. जबकि पतंजलि का घी ऑस्ट्रेलिया के मानक पर खरा पाया गया. आखिर यह कैसे हुआ. उन्होंने कहा कि घनसाली उत्तराखंड में कुछ अधिकारियों ने उनके घी को फेल कर दिया. जब उन्होंने इसकी शिकायत की तो घी की जांच गाजियाबाद की सरकारी लैब में की गई. जहां यह पास हो गया. जिससे यह साफ है कि कुछ खास अधिकारियों ने कुछ खास लोगों से मिलीभगत कर पतंजलि घी के खिलाफ षड्यंत्र किया था. इसमें किसी सरकार या सत्ताधारी पार्टी का हाथ नहीं था. उन्होंने कहा कि सरकार घी को लेकर केवल कुछ ही टेस्ट करती है. लेकिन पतंजलि अपने घी को लेकर 75 तरह के मानक पर जांच करती है. ऐसे में पतंजलि घी में कोई गड़बड़ी हो ही नहीं सकती है. उन्होंने कहा कि न केवल घी बल्कि कभी एलोवेरा तो कभी हमारे आंवला उत्पाद को लेकर भी झूठा प्रचार और षड्यंत्र किया जाता रहा है. लेकिन इसके बावजूद पतंजलि लगातार बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि उनसे नफरत रखने वाले लोगों ने तो यहां तक कहा कि बाबा ने विदेश में जाकर अपने घुटनों और पेट की आंत का ऑपरेशन करा लिया है. जबकि वह सभी को योग से ठीक करने का दावा करते हैं. इसी तरह से यह दुष्प्रचार भी किया गया कि बाबा रामदेव ने बाईपास सर्जरी कराई है. लेकिन झूठ बहुत दिन तक जिंदा नहीं रहता है. वह लगातार टीवी चैनल पर योग कर रहे हैं. जिससे उनके स्वास्थ्य की जानकारी स्वयं सार्वजनिक हो रही है. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ दवा माफिया, खाद्य माफिया और कई अन्य लोग सक्रिय हैं. लेकिन उन्होंने पिछले 50 साल में कभी भी प्रकृति के विधान और देश के संविधान का उल्लंघन नहीं किया है. यही वजह है कि उनका योग और पतंजलि के उत्पाद लगातार बढ़ रहे हैं. वह दुनिया के 80% आबादी को योग से ठीक करने के अपने लक्ष्य की दिशा में लगातार बढ़ते रहेंगे.
लंपी – काला धन
देश में जानवरों के बीच फैल रही लंपी बीमारी को लेकर उन्होंने कहा कि पतंजलि इस पर कार्य कर रहा है. जब भी इसका निदान मिलेगा. उसे पतंजलि सार्वजनिक करेगा. उन्होंने कहा कि इस बीमारी के बीच भी हमने अपनी एक भी गाय को इससे मरने नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि जब कोरोना से लड़ने के लिए पतंजलि ने कोरोनील बनाई थी. उस समय भी पतंजलि पर लोगों ने सवाल उठाए थे. देश में काला धन वापस लाने के अपने अभियान को लेकर योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि उन्होंने एक मुद्दा उठाया था. इसके लिए वर्ष 2009 से 2013 तक उन्होंने लगातार संघर्ष किया. जिसकी वजह से उस समय सत्ता में बैठे कुछ लोग उनके खिलाफ हो गए थे. उन्होंने इस मुद्दे पर अपना काम कर दिया है और इसे मुल्क के निजाम पर छोड़ दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बगैर कहा कि देश में कई तरह के विकास कार्य हो रहे हैं. कई मोर्चों पर बेहतर कार्य किया जा रहा है. ऐसे में वह स्वयं राजनीतिक मुद्दों से दूर रहकर पतंजलि के विस्तार कार्य करने में जुटे हुए हैं. उनका पहला और अंतिम लक्ष्य देश में लोगों को निरोग रखना और योग का विस्तार करना है. जिसके माध्यम से कई तरह की बीमारी को खत्म किया जा सकता है.