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संदीप जोशी, दिल्ली
15 सितंबर 2022

केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को वाहन निर्माता कंपनियों को कहा कि वह छोटी कार चलाने वालों के जीवन को लेकर भी कुछ सोचने का कार्य करें. उन्होंने कहा कि छोटी कारों में भी सुरक्षा के अंतरराष्ट्रीय मानक अपनाए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि जब भारत से सभी वाहन 6 एयर बैग के साथ निर्यात किए जाते हैं. ऐसे में घरेलू बाजार में इस तरह की सुविधा देने को लेकर उनके बीच संकोच क्यों हैं. उन्होंने कहा कि छोटी कार चलाने वालों का जीवन सुरक्षित करने के लिए वह कार निर्माता कंपनियों से सहयोग की अपेक्षा रखते हैं. गडकरी ने यह भी कहा कि अक्टूबर से 8 सीट वाली कार में 6 एयर बैग देने अनिवार्य होंगे. उन्होंने कहा कि भारत में हर साल 5 लाख सड़क घटनाओं में डेढ़ लाख लोगों की मौत हो जाती है. अगर प्रतिदिन का औसत निकाला जाए तो यह 426 मौत प्रतिदिन या 18 मौत प्रति घंटे होती है. इसे रोकने के लिए वाहन निर्माता कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के सुरक्षा मानक अपनाने चाहिए. वाहन कलपुर्जे बनाने वाली कंपनियों की संस्था एकमा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विशेषकर छोटी कार को लेकर  विशेष कदम उठाने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि पुराने वाहन को स्क्रैप कराने वाले लोगों को विशेष रियायत देने की भी जरूरत है. अगर कोई बस या ट्रक स्क्रैप कराता है. उसे ₹50,000 से लेकर ₹1 लाख तक की छूट दी जा सकती है. इसी तरह से छोटे वाहनों के लिए भी विशेष छूट देनी चाहिए. इसकी वजह यह है कि इससे वाहन निर्माता कंपनियों को ही लाभ होगा. पुरानी गाड़ी स्क्रैप कराने वाला नई  गाड़ी खरीदेगा. उन्होंने कहा कि स्टील मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस तरह की छूट देने वाले वाहन कंपनियों को जीएसटी में रियायत देने की भी अपील की है. उन्होंने कहा कि एक पुराना ट्रक कई नई गाड़ियों के बराबर प्रदूषण फैलाता है. पुरानी गाड़ियों के स्क्रैप होने से प्रदूषण पर भी प्रभावी रोक लगेगी. जबकि उनके कलपुर्जे का उपयोग अन्य गाड़ियों की मरम्मत या निर्माण में किया जा सकता है.

एक अन्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि देश में इलेक्ट्रिक आधारित सार्वजनिक वाहनों को बड़े स्तर पर चलाने की जरूरत है. जिससे निजी वाहनों को सड़क से हटाने में सहायता हासिल हो. उन्होंने कहा कि इसके लिए लंदन ट्रांसपोर्ट मॉडल एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. उन्होंने कहा कि बस में व्यक्तिगत तरीके से टिकट लेने की जगह क्यूआर कोड या ऑनलाइन पेमेंट की व्यवस्था की जाए. इससे सार्वजनिक बस चलाने में निजी कंपनियों का घाटा कम होगा. जिससे वह निजी बस संचालन में आगे आएंगे. गडकरी ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन सेवा में निजी सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ाए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि दिल्ली – जयपुर के बीच इलेक्ट्रिक मार्ग या E-way  बनाने की योजना पर भी कार्य चल रहा है. जिससे दिल्ली से जयपुर के बीच की वाहन बिना किसी बाधा के आ जा सके.

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