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संदीप जोशी , दिल्ली, 13 September 2022

केंद्रीय चुनाव आयोग ने पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 253 राजनीतिक दलों को निष्क्रिय घोषित कर दिया है. जबकि 86 राजनीतिक दलों का पंजीकरण बतौर राजनीतिक दल रद्द किया गया है. इन सभी दलों ने पिछले कई चुनाव में हिस्सा नहीं लिया है. इसके अलावा कई दलों ने अपने पंजीकृत पते और अन्य आवश्यक सूचनाओं में परिवर्तन को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग को सूचित नहीं किया था. चुनाव आयोग ने कहा है कि जिन राजनीतिक दलों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है. अगर उन्हें यह लगता है कि उनके खिलाफ कार्रवाई गलत है. ऐसे में वह अपना पक्ष रखने के लिए सभी संबंधित दस्तावेज और जानकारी के साथ केंद्रीय चुनाव आयोग से संपर्क कर सकते हैं.

चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह कार्रवाई दो स्तर पर की गई है. एक के तहत पंजीकृत लेकिन गैर मान्यता प्राप्त दलों का पंजीकरण बतौर राजनीतिक दल रद्द कर दिया गया है. इस श्रेणी में 86 राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इसमें महाराष्ट्र से 6 दल शामिल है. इनके नाम किसान गरीब नागरिक पार्टी , क्रांति सेना महाराष्ट्र , राष्ट्रीय सर्व समाज पार्टी , रिपब्लिकन प्रेसीडियम पार्टी ऑफ इंडिया, सत्यवादी पक्ष और उत्तराखंड सेना पार्टी शामिल है. यह ऐसे दल हैं जिनकी ओर से अपने पंजीकरण के बाद से च कोई भी चुनाव नहीं लड़ा गया है. उन्होंने एक गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के रूप में जरूरी नियमों का भी कभी अनुपालन नहीं किया है.

इस अधिकारी ने कहा कि दूसरी श्रेणी के तहत ऐसे 253 पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त दलों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. जो पिछले कई चुनावों से निष्क्रिय हैं. इनमें से करीब 66 ऐसे दल शामिल हैं. जो लगातार 16 बार से चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. इन 253 दिनों में से अधिकतर ने अपने पंजीकृत कार्यालय में बदलाव कर लिया है. इनके पदाधिकारियों के नाम बदल गए हैं. इसके अलावा इन दलों ने बतौर एक राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत रहने से संबंधित कई अन्य नियमों का भी उल्लंघन किया है. इनमें से कई दलों को डाक विभाग के माध्यम से पत्र भेजे गए. लेकिन इनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया.

कई दलों के पंजीकृत कार्यालय से डाक वापस आ गई. डाक विभाग ने यह बताया कि संबंधित पते पर कोई राजनीतिक दल नहीं है. इन नियमों के उल्लंघन को देखते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई की गई है. इस श्रेणी में महाराष्ट्र के 5 दल शामिल हैं. इनमें राष्ट्रीय अमन सेना, राष्ट्रीय लोकशाही पार्टी , रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया कांबले, शिवाजी कांग्रेस पार्टी, द ह्यूमनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया शामिल है. इस अधिकारी ने कहा कि कोई भी पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल जब किसी राज्य या लोकसभा की कुल सीटों के 5% पर अपने उम्मीदवार खड़ा करता है. ऐसे में उन सभी दलों को एक निश्चित चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया जाता है. जिससे उसके उम्मीदवारों को लेकर यह जानकारी जनता को रहे कि वह किस दल से चुनाव लड़ रहे हैं.

इससे राजनीतिक दल को भी एकीकृत चुनाव प्रचार करने में सहायता हासिल होती है. जिन 253 दलों को निष्क्रिय करार दिया गया है और जिन 86 दलों की मान्यता खत्म की गई है. उन सभी को चुनाव चिन्ह आवंटित किए गए थे. जिन दलों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है. उनको चुनाव चिन्ह वापस नहीं मिलेंगे. जबकि निष्क्रिय करार दिए गए दल अगर यह बताने में सफल रहते हैं कि उन्होंने चुनाव आयोग के नियमों का अनुपालन किया है. ऐसे में उनके चुनाव चिन्ह पर लगी रोक को हटा लिया जाएगा. यह कार्रवाई 7 राज्यों के चुनाव आयोग की ओर से इन दलों को लेकर आई शिकायत के बाद की गई है. जिन राज्यों ने शिकायत की है. उनमें महाराष्ट्र , कर्नाटक , बिहार, दिल्ली, तमिलनाडु , तेलंगाना और उत्तर प्रदेश शामिल है. इससे पहले 25 मई और 20 जून को भी 87 और 111 दलों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी.

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