विनय कुमार, दिल्ली
19 अप्रैल 2022
पांच राज्यों में करारी हार की वजह तलाश करने और आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति पर विचार करने के लिए कांग्रेस ने नौ साल बाद राजस्थान में अपना चिंतिन शिविर आयोजित करने का फैसला किया है. इस तीन दिन के अधिवेशन में कांग्रेस के 700 से अधिक नेता शिरकत करेंगे. इसका आयोजन 14—16 मई के बीच किया जाना प्रस्तावित है.
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी भी इसमें हिस्सा लेंगे. यह उम्मीद की जा रही है कि इस चिंतन शिविर से पहले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी औपचारिक रूप से कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर लेंगे और इस शिविर में हिस्सा लेंगे.
इस शिविर में देश भर से आए प्रतिनिधियों से पांच राज्यों की चुनावी हार पर उनकी राय हासिल की जाएगी. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ चुनाव की रणनीति को लेकर भी विमर्श किया जाएगा.
कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि इस शिविर में कांग्रेस के सभी महासचिव भी हिस्सा लेंगे. यहां पर लोकसभा चुनाव 2024 में विभिन्न दलों के साथ गठबंधन पर चर्चा के साथ ही प्रशांत किशोर की ओर से दिए गए सुझाव पर भी मंथन किया जाएगा. इसमें यह भी तय किया जाएगा कि लोकसभा चुनाव में मुकाबला के लिए कांग्रेस की क्या रणनीति रहेगी.
आम चुनाव 2024 में राहुल गांधी को बतौर प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित किये जाने पर क्या इस शिविर में चर्चा होगी. इसके जवाब में कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि पहले हमें कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त करना है. वह हमारी प्राथमिकता है. उसके लिए संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है. प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा. यह कांग्रेस से होगा या संयुक्त् विपक्ष बनने पर किसी अन्य दल से उम्मीदवार सामने आएगा. यह सभी बिंदु चुनाव के समय ही तय किये जा सकते हैं. लेकिन शिविर में लोकसभा चुनाव के लिए बड़े स्तर पर एक चर्चा जरूर होगी.
कांग्रेस ने इससे पहले 2013 में राजस्थान के जयपुर में अपना चिंतन शिविर आयोजित किया था. जिसमें राहुल गांधी को उस समय उपाध्यक्ष बनाने का ऐलान किया गया था. हाल ही में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में यह फैसला किया गया था कि चुनावी हार पर मीमांसा के लिए कांग्रेस एक बार फिर से चिंतन शिविर का आयोजन करेगी.