संदीप जोशी, दिल्ली
2 मई 2022
इनकम टैक्स विभाग ने अपने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि उनके पास विभिन्न जांच एजेंसियों से आने वाले अनुरोधों पर पंद्रह दिन के अंदर जवाब दिया जाए. इसका उददेश्य विभिन्न मामलों की जांच को तेजी प्रदान करने के साथ ही विभिन्न एजेंसियों के साथ संबंधों को बेहतर बनाना है.
आयकर विभाग हर साल अपने अधिकारियों के लिए वार्षिक एक्शन प्लान बनाता है. यह निर्देश उसी का हिस्सा है. इसमें यह कहा गया है कि सीबीआई, पुलिस, प्रवर्तन निर्देशालय, सेबी के साथ ही सीरियस फ्रॉड इंवेस्टीगेश्न आफिस की ओर से जब भी किसी मामले की जांच के लिए कोई ब्यौरा मांगा जाए. उस समय बिना किसी देरी के संंबंधित आयकर संबंधी ब्यौरा इन एजेंसियों को दिया जाए.
यह माना जा रहा है कि विभिन्न राज्य पुलिस बल और कई बार सीबीआई, सेबी की ओर से भी सामने आने वाली शिकायतें जिसमें कहा जाता है कि आयकर विभाग उनको समय से जानकारी नहीं देता है. यह निर्देश उसी शिकायत से निपटने की कवायद है. आयकर विभाग यह चाहता है कि किसी मामले की देरी के लिए उसको जिम्मेदार न ठहराया जाए.
आयकर विभाग ने इसके लिए साथ ही अपने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए हैं कि ऐसी जब्त संपत्ति जो जारी की जानी है. उनको 30 जून तक चिन्हित कर उनकी सूची जमा कराएं. एक अधिकारी ने कहा कि आयकर विभाग हर साल अपने अधिकारियों को यह बताता है कि उसे अगले साल क्या करना है. उसके लक्ष्य क्या है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए नीति क्या रहनी चाहिए. इस निर्देश में कहा गया है कि आयकर विभाग के पास 31 मार्च तक आए सभी आवेदन पर 15 मई तक जानकारी साझा की जाए. इसके अलावा 1 अप्रैल के बाद आए सभी जानकारी मांगने संबंधी सभी आवेदन पर 15 दिन के अंदर जानकारी दी जाए.
आयकर विभाग देश के दस विभागों के साथ आयकर से संबंधित डाटा को साझा करता है. यह कार्य नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड, नेटग्रिड, के माध्य से किया जाता है. जिन विभागों के साथ यह साझा की जाती है. उसमें आईबी, सीबीआई, डीआरआई, गुप्तचर ब्यूरो, सीबीआईसी और जीएसटी विभाग शामिल हैं. एक अधिकारी ने कहा कि विभिन्न एजेसियों के साथ डाटा साझा करने का उददेश्य यह है कि इन एजेंसियों को समय से डाटा मिल जाए. जिससे वे कानूनी परिधि में कार्य करते रहें.