14 October 2022
बृजेंद्र नाथ , दिल्ली
राजधानी में अत्याधिक सड़क हादसों वाले ब्लैक स्पॉट में सिग्नेचर ब्रिज शामिल है. यहां आये दिन सड़क हादसे होते हैं. जिनमें कई बार लोगों की जान चली जाती है. इसे सुरक्षित बनाने के लिए गैर सरकारी संस्था सेव लाइफ फाउंडेशन ने कई सरकारी विभागों के साथ मिलकर यहां अस्थायी बदलाव किए हैं. भारत में पहली बार किसी ब्रिज पर इस तरह के अस्थायी बदलाव लोगों को सुरक्षित बनाने के लिए किया गया है. यहां पर वर्ष 2018-21 के दौरान 53 सड़क हादसे हुए हैं. जिनमें 17 लोगों की जान गई है.
नवंबर 2018 में सिग्नेचर ब्रिज का उद्घाटन हुआ था. यह ब्रिज जहां एक तरफ लोगों के लिए घूमने की जगह है तो वहीं दूसरी तरफ इससे उत्तरी दिल्ली से उत्तर-पूर्वी दिल्ली पहुंचना आसान हो गया. लेकिन यहां पर आये दिन सड़क हादसे भी होने लगे. इसे ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार के निर्देश पर सेव लाइफ फाउंडेशन ने ट्रैफिक पुलिस, परिवहन विभाग, पीडब्ल्यूडी आदि के साथ मिलकर यहां अस्थायी बदलाव कर सिग्नेचर ब्रिज को सुरक्षित बनाने का प्रयास किया है. यहां पर कोन का इस्तेमाल कर सड़क को पैदल एवं साइकिल चलाने वालों के लिए सुरक्षित बनाया गया है. इनके सकारात्मक परिणाम आने पर सरकार इस व्यवस्ता को स्थायी कर सकती है.
डायलोग और डेवलपमेंट कमिशन के उपाध्यक्ष जास्मिन शाह ने कहा कि दिल्ली सरकार सड़क हादसों को कम करने के लिए इस तरह से कदम उठा रही है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली को 2047 तक दुनिया का नंबर एक शहर बनाना चाहते हैं. इसके लिए सरकार विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि ब्लैक स्पॉट वाली जगहों को सड़क हादसों से मुक्त बनाया जा सके.
सेव लाइफ फाउंडेशन के सीईओ पीयूष तिवारी के अनुसार सिग्नेचर ब्रिज के दोनों तरफ लगभग 4 से 5 फीट जगह को कोन लगाकर राहगीर, साइकिल चालक, रिक्शा चालक, रेहड़ी आदि चलाने वालों के लिए आरक्षित किया गया है. सड़क अलग होने वाली जगहों पर तेज घुमाव वाली जगह को पहले ही अलग कर दिया गया है ताकि गाड़ियां आपस में न टकराएं. इसके अलावा वाहनों की गति को कम करने के भी उपाय किये गये हैं.
पीयूष तिवारी के अनुसार सड़क हादसों को कम करने के लिए इसकी संभावना को कम करना आवश्यक है. सिग्नेचर ब्रिज पर हुए बदलाव से पैदल चलने वाले लोगों के सड़क हादसे का शिकार होने की संभावना 83 फीसदी कम हो गई है. इससे पूर्व भलस्वा चौक, राजघाट चौक, गांधी विहार और बुराड़ी चौक पर भी इस तरह के बदलाव किए गये हैं.