संदीप जोशी, दिल्ली
31 मार्च 2022

राज्यसभा के 72 सदस्य मार्च से जुलाई के बीच सेवानिवृत हो रहे हैं. इन सदस्यों को राज्यसभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गुरूवार को विदाई दी. इन सांसदों में सुब्रहमण्यम स्वामी, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, पी चिदंबरम, प्रसन्ना आचार्य, संजय राउत, सतीश चंद्र मिश्रा, नरेंद्र जाधव शामिल हैं. इस अवसर पर अधिकतर सांसद भावुक थे. विदाई समारोह के दौरान कुछ हल्के—फुल्के पल भी सामने आए. सेवानिवृत होने वाले सदस्यों ने पार्टी लाइन से हटकर सहयोगियों के साथ संसद में बिताए दिनों की यादों को साझा किया.राज्यसभा से विदा लेने वाले सदस्यों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपने इस सदन से बहुत अनुभव हासिल किया है. अगर संभव हो तो एक बार फिर सदन में लौट कर आईये. सेवानिवृत होने वाले सदस्यों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल हैं. हालांकि इन दोनों का सदन में फिर से आना तय है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेवानिवृत होने वाले सदस्यों से कहा कि उन्होंने सदन से बहुत अनुभव हासिल हुए हैं. इसे लोगों के हित में समस्त भारत में ले जाने और आनी वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने में मदद देने के लिए उपलब्ध कराएं. सेवानिवृत हो रहे सदस्यों को शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुभव से जो प्राप्त हुआ होता है. उसमें समस्याओं के समाधान के लिए उपाय सरल होते हैं. अनुभव का अपना अलग ही महत्व होता है. जब ऐसे अनुभवी साथी सदन से जाते हैं तो सदन व राष्ट्र को बहुत बड़ी कमी महसूस होती है. उन्होंने रिटायर हो रहे सांसदों के लिए कहा कि आप बड़े मंचों पर जाकर आजादी के अमृत महोत्सव के पर्व को माध्यम बनाकर लोगों को प्रेरित करने में योगदान कर सकते हैं.

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ने राज्य सभा को शक्ति और अन्तरंगता प्रदान की थी.  उन्होंने ही राज्यसभा सांसदों को विभिन्न समितियों का सदस्य बनाया.  धन विधेयकों को अगर छोड़ दिया जाए तो दोनों सदन समान रूप से शक्तिशाली हैं. उन्होंने कहा कि राज्यसभा एक स्थायी सदन है. कुछ सदस्य सेवानिवृत्त होंगे. जबकि कुछ अन्य आएंगे. लेकिन यह सदन हमेशा चलता रहेगा. हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं. लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम कुशलता से काम करते रहें.  उन्होंने कहा कि राजनीति में एक कहावत है कि उतार-चढ़ाव अक्सर आते रहते हैं. लेकिन कभी भी मैदान नहीं छोड़ना चाहिए. लोगों के लिए काम करते समय हमें इसे ध्यान में रखना चाहिए.

इस साल मार्च से लेकर जुलाई तक सात मनोनीत सदस्यों सहित कुल 72 राज्यसभा सांसद सेवानिवृत्त हो रहे हैं. यह सदन की कुल संख्या के लिहाज से एक तिहाई है. जिससे आने वाले दिनों में राज्यसभा का स्वरूप काफी बदला हुआ होगा. यह पहली बार होगा. जब अकाली दल का कोई भी सदस्य इस सदन में नहीं होगा. वहीं, आम आदमी पार्टी के सदस्य संख्या भी बढ़कर नौ—दस तक हो जाएगी. हालांकि सेवानिवृत होने वाले कुछ सदस्य फिर से सदन में लौट भी सकते हैं. इनमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल प्रमुख नाम हैं. सेवानिवृत्त होने वाले सदस्य 19 राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इनमें से कुछ के पास पांच कार्यकाल का अनुभव है. राज्यसभा से सेवानिवृत्त होने वालों में एके एंटनी, अंबिका सोनी, पी चिदंबरम, आनंद शर्मा, जयराम रमेश, सुरेश प्रभु, प्रफुल पटेल, सुब्रमण्यम स्वामी, प्रसन्ना आचार्य, संजय राउत, नरेश गुजराल, सतीश चंद्र मिश्रा, एमसी मैरी कॉम, स्वप्न दासगुप्ता और नरेंद्र जाधव शामिल हैं.

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *