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विनय कुमार, दिल्ली
2 मई 2022

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के एक टवीट ने देश की राजनीति में नई बहस शुरू कर दी है. हाल ही तक कांग्रेस में जाने के लिए उसके नेतृत्व के साथ मोल—भाव में जुटे प्रशांत किशोर ने संकेत दिए हैं कि वह अपना नया राजनीतिक दल बना सकते हैं. उन्होंने सोमवार को एक टवीट करते हुए कहा कि जनता के बीच जाने का समय आ गया है. इसकी शुरूआत बिहार से होगी. कांग्रेस के साथ अपनी बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा था कि देश के इस सबसे प्राचीन राजनीतिक दल को बिहार में अकेले ही चुनाव लड़ना चाहिए. यही नहीं, इससे पहले वह बिहार में लोगों से मिलने का एक बड़ा कैंपेन भी चला चुके हैं. प्रशांत किशोर की ओर से किसी बड़े ऐलान की सभी प्रतीक्षा कर रहे थे. उन्होंने स्वयं कहा था कि वे 2 मई को अपनी भावी रणनीति को लेकर बड़ी घोषणा करेंगे. उनसे जुड़े सूत्रों के मुताबिक वह अब 5 मई को अपनी नई रणनीति का विधिवत खुलासा करेंगे. जिसमें वह बताएंगे कि उनके सुराज का मतलब क्या है. वह इसके लिए क्या कदम उठाने वाले हैं.

जनता को असली मालिक करार देते हुए उन्होंने अपने टवीट में कहा कि लोकतंत्र में प्रभावशाली योगदान देने की उनकी भूख और लोगों के प्रति कार्य नीति तैयार करने में मदद करने का सफर काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा है. उन्होंने आगे लिखा कि जब वह अपने जीवन के पन्नों को आज पलटते हैं तो ऐसा लगता है कि देश के असली मालिकों के बीच जाने का समय आ गया है. उनको लगता है कि वह लोगों के बीच जाएं. जिससे उनकी समस्याओं को वह बेहतर तरीके से समझ पाएं और जन सुराज के पथ पर आगे बढ़ पाएं.

अपने टवीट में उन्होंने लिखा कि उनकी लोकतंत्र में सार्थक भागीदार बनने की यात्रा के 10 वर्ष पूरे हो गए हैं. अब जन सुराज के मार्ग पर जाने का समय आ गया है. उन्होंने टवीट में लिखा कि शुरूआत बिहार से. हालांकि उन्होंने अपनी पार्टी का नाम नहीं बताया है. लेकिन माना जा रहा है कि उनकी पार्टी का नाम जन—सुराज हो सकता है. यह माना जा रहा है कि उनकी पार्टी तकनीक आधारित होगी. जिसमें जनता के डाटा के आधार पर वह अपनी स्वयं की पार्टी के लिए ही रणनीति बनाएंगे. उनका ध्यान युवाओं पर केंद्रीत हो सकता है. यह भी कहा जा रहा है कि वह लंबे समय से बिहार में लोगों से मिल रहे थे. वह स्वयं भी  मूल रूप से बिहार से हैं. यहां पर वह भाजपा और जदयू के लिए रणनीति बना चुके हैं. ऐसे में अपने गृह प्रदेश को वह बेहतर तरीके से समझते हैं. यही वजह है कि उन्होंने यहां से शुरूआत की बात की है. यह भी चर्चा है कि वह 2024 के आम चुनाव के दौरान अपनी पार्टी लांच कर सकते हैं.

संयुक्त् राष्ट्र में काम कर चुके प्रशांत किशोर देश के कई क्षेत्रीय दलों के लिए रणनीति बनाने के साथ ही कांग्रेस और भाजपा के लिए भी चुनावी रणनीति बना चुके हैं. उनको राष्ट्रीय स्तर पर पहचान वर्ष 2014 के आम चुनाव में मिली थी. जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करते हुए भाजपा के लिए रणनीति बनाई थी. इसके उपरांत वह कई क्षेत्रीय दलों के लिए भी रणनीति बनाने के लिए विख्यात हुए. इस बीच कांग्रेस में औपचारिक रूप से जाने को लेकर उनकी दो बार कांग्रेस नेतृत्व से बात हुई. लेकिन दोनों ही बार यह वार्ता असफल हो गई. इसकी वजह यह बताई जा रही है कि कांग्रेस के पुराने नेता नहीं चाहते हैं कि प्रशांत किशोर कांग्रेस में आएं. यही वजह है उन्होंने शर्त लगा दी कि कांग्रेस में आने के बाद वह किसी अन्य दल के लिए चुनावी रणनीति नहीं बना पाएंगे. उनको महासचिव रणनीति और गठबंधन जैसा पद देने से कांग्रेस में विद्रोह हो जाएगा. उनके विरोध की वजह से प्रशांत किशोर ने कांग्रेस में जाने की रणनीति से यूटर्न ले लिया.

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